कानून मंत्री रविशंकर नें न्यायपालिका में आरक्षण देने वाला प्रस्ताव संसद में किया पेश !

नईदिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री नें संसद में न्यायपालिका में आरक्षण देने वाला प्रस्ताव पेश किया है।

मोदी सरकार नें न्यायपालिका में आरक्षण देने के लिए संसद में प्रस्ताव पेश कर दिया है | हाल ही कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद नें SC-ST समुदाय का विधानसभाओं व लोकसभा में आरक्षण अगले 10 सालों तक बढ़ाने वाला बिल संसद के दोनों सदनों में पेश किया था |

जिसके पहले लोकसभा, बाद में राज्यसभा में भी सर्वसम्मति से पास कर दिया | वहीं सरकार नें कहा कि वो समाज के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

कल SC-ST आरक्षण बिल पास होने के बाद कानून मंत्री नें संसद में न्यायपालिका में SC-ST व OBC आरक्षण देने के लिए UPSC जैसे आल इंडिया ज्युडिशियल सर्विस (AIJS) की स्थापना के लिए प्रस्ताव रखा |

संसद में कानून मंत्री नें प्रस्ताव के बारे में बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार का जोर न्यायपालिका में नई प्रतिभा को लाना है |

Law Minister, Ravishankar Prasad

उन्होंने बताया कि AIJS का प्रस्ताव जिसके अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की परीक्षाएं कराई जाएँगी | इस परीक्षा के जरिए SCST व अन्य पिछड़े वर्गों को न्यायालयों में आरक्षण देना है |

Law Minister Ravishankar Prasad, Parliament

हालाँकि यह सरकार का पहला कदम नहीं है जब न्यायालयों में आरक्षण देने की बात की गई है इसके पहले भी कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा ही इस तरह के आरक्षण देने की घोषणा की गई थी |

दिसंबर 2018 में उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम में कानून मंत्री नें SCST को न्यायपालिका में आरक्षण देने की बात बात घोषणा की थी |

वहीं हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश बनें शरत अरविन्द बोबडे नें अमर उजाला को दिए एक इन्टरव्यू में कहा था कि न्यायपालिका में आरक्षण की अभी कोई जरूरत नहीं है |

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