आगे उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर उस बात की भी सीख दी जब एक शोक संतृप्त परिवार शोक के 13 दिनों में किसी के देहांत होने पर घर के बाहर नहीं जाता, ये रीति रिवाज में शामिल होती हैं, इसी बात को बताते हुए विश्वास नें कहा कि “सनातन संस्कारों में मृत्यु के बाद तेरहवीं तक परिजन घर नहीं छोड़ सकते पर मरनेवाला चाहे क़ानून का रखवाला बुलंदशहर का इंसपैक्टर हो या कट्टरपंथियों का शिकार, जाना पड़ेगा दरबार।”
निकम्मी व्यवस्था आपके घरवालों को मार भी दे तब भी उस व्यवस्था के स्वयंभू मालिकों के दरबार में जाना ही होगा ! सनातन संस्कारों में मृत्यु के बाद तेरहवीं तक परिजन घर नहीं छोड़ सकते पर मरनेवाला चाहे क़ानून का रखवाला बुलंदशहर का इंसपैक्टर हो या कट्टरपंथियों का शिकार,जाना पढ़ेगा दरबार? https://t.co/6ZoyLcreDe
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) October 21, 2019
कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी ने रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद काफी गुस्सा जताई उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि “हमारे समाज में किसी की मृत्यु हो जाने पर 13 दिन में घर से निकला नहीं जाता पर योगी जी का आदेश रहा, पुलिस वाले पीछे पड़े थे, चलो तुम लोगों को बुलाए हैं। हम लोगों को जाना पड़ा मजबूरी में।”
#KamleshTiwari mother after meeting CM Yogi.
“In our society, kins (after any death) don’t go out for 13 days. But many cops came & forced us to go meet CM at his residence…CM’s body language was not what we expected.
Will pick up sword if justice not done”
VC:@sengarlive pic.twitter.com/6wSvhVuXe8— Kanchan Srivastava (@Ms_Aflatoon) October 20, 2019