नीदरलैंड (हेग): कुलभूषण जाधव केस में अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भारतीय नागरिक जाधव की फांसी व जाधव को वापस भारत लाने में भारत एक कदम और आगे बढ़ गया है।
अंतर्राष्ट्रीय अदालत में हुयी कल की सुनवाई में भारत की तरफ से हरीश साल्वे व पाक की ओर से अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर ने सुनवाई में हिस्सा लिया जिसमे पाकिस्तान की तरफ से डाली गयी पांचो याचिकाओं को अदालत ने ख़ारिज कर दिया है।
सबसे पहले पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक के एक निजी बयान को अदालत में पेश किया जिसको सुनते ही अदालत ने नकार दिया।
वही दिल की बिमारी की चलते सुनवाई में हिस्सा न लेने पर पाकिस्तानी एड हॉक जज जस्टिस तस्सदुक हुसैन जिल्लानी की गैर मौजूदगी में पाक की ओर से सुनवाई टालने की गुजारिस की गई जिसे एक बार फिर से अदालत ने नकार दिया।
हालांकि आईसीजे अध्यक्ष अब्दुल्लाही अहमद युसूफ ने पाकिस्तान की वकील से कहा की अगर उनके पास उपयुक्त सबुत है तो सुनवाई आगे बढ़ाई जाये। साथ ही आपको हम बताते चले की अपनी पहली सुनवाई में ही ICJ ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी।
वही पडोसी देश ने पाक में मौजूद भारतीय डिप्टी हाई कमिशन जेपी सिंह द्वारा दिए गए जाधव के हाल पर बयान को फिर से देखने की गुजारिस भी की। आपको हम बता दे की जेपी सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया था की जाधव से मिलने पर उसकी हालत अच्छी नहीं लग रही थी।
आगे चली सुनवाई में लगातार हर मोर्चे पर पटके जाने से छटपटाये पाकिस्तानी वकील ने अदालत के समक्ष जाधव के साथ आतंकी गतिविधियों में लिप्त झूठे गवाह पेश करने की इज़ाज़त मांगी जिसे अदालत ने सिरे से ख़ारिज कर दिया।
जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की किस तरह पाक को अंतर्राष्ट्रीय अदालत में मुँह की खानी पड़ी, खबर लिखने तक आगे की सुनवाई जारी रही।
आपको हम बताते चले कि 11 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान ने भारतीय नौ सेना कि जासूस को पकड़ कर आतंकी गतिविधियों कि फर्जी आरोप लगाकर फांसी की सजा सुनाई थी जिसे भारत सरकार द्वारा झूठा बताते हुए 18 मई 2017 को अंतर्राष्ट्रीय आदलत में ले जाया गया था।