भोपाल (MP) : विधानसभा चुनावों को जीतकर सत्ता में आते ही कांग्रेसी नेता व मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक बयान काफ़ी विवादों में रहा | आपको याद होगा कमलनाथ नें MP के स्थानीय युवाओं के रोजगार की समस्या को लेकर कहा था “यहाँ की 70% नौकरी यूपी-बिहार के लोग ले जाते हैं…!”
हालांकि इस बयान को लेकर सभी नें उनको खूब लपेटा था और उन्हें ये कहकर याद दिलाया था कि “कमलनाथ का जन्म तो यूपी में हुआ था पर एमपी में वो क्या कर रहे हैं…?”
लेकिन अब सरकार के लगभग आधे साल हो चुके हैं अब ऐसे में सरकार अपने किए वादे को पूरा करने की कोशिश में जुट गई है |
हाल ही में उनकी कैबिनेट नें 10% आर्थिक आरक्षण के साथ देश में पहली बार ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए प्रस्ताव पास किया था जिसे अभी विधानसभा में पेश किया जाना बाकी है |
हालाँकि जनवरी में सरकार ये पहले भी कर चुकी थी लेकिन राज्य की जबलपुर हाईकोर्ट नें 27% ओबीसी आरक्षण को ठुकरा दिया था | लेकिन अब कमलनाथ दोबरा इसे लेकर तेजी से कदम चला रहे हैं यदि वो ऐसा करने में सफल होते हैं तो महाराष्ट्र में 75% आरक्षण के साथ 73% आरक्षण देने वाला एमपी दूसरा राज्य बन जाएगा | उधर मराठा आरक्षण के बाम्बे हाईकोर्ट वाले फ़ैसले को यूथ फ़ॉर इक्विलिटी के संजीत शुक्ला नें सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके हैं |
शपथ लेने के बाद 17 दिसंबर 2018 को कमलनाथ नें घोषणा की थी कि “औद्योगिक ईकाईयां जो सरकार से वित्तीय सहायता व दुसरे लाभ लेती हैं उन्हें 79 नौकरियां स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करनी होगी |”
#KamalNath Govt To Provide 70% Job Reservation In Private Sector For Locals In Madhya Pradesh
Details: https://t.co/bHkg9QNRKE pic.twitter.com/mYjdGlrpGL
— ABP News (@abpnewstv) July 9, 2019
बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न में कमलनाथ नें कहा कि सरकार प्राइवेट में स्थानीयों को मौका देने के लिए सरकार जल्द कानून लाएगी |
यानी कि MP में बारिश के मौसम में इंद्रदेव कम आरक्षण देव ज्यादा खुश हैं तभी तो सरकारी नौकरियों में EWS के लिए 10%, OBC के लिए 14 से बढ़ाके 27% व प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 70% आरक्षण देने की तैयारी हो रही है |