पत्रकार अभिसार नें खोया आपा, बोले ‘Phd का कोई लाभ नहीं यदि दिमाग़ में गौमूत्र भरा हो…’

पत्रकार अभिसार शर्मा नें हिंदुओं की आस्था के प्रतीक गाय व गौ मूत्र के ख़िलाफ़ की विवादित टिप्पणी

नईदिल्ली : पत्रकार अभिसार नें हिंदुओं की आस्था पर चोट करने वाली टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि आदमी के दिमाग में गौ मूत्र भरा हो तो PhD का कोई फ़ायदा नहीं होता |

दरअसल पत्रकार अभिसार शर्मा और ABVP के पूर्व मीडिया संयोजक साकेत बहुगुणा के बीच PM मोदी के पूर्व PM स्व. राजीव गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर ट्विटर वार छिड़ा हुआ था लेकिन बाद में बात हिंदुओं की आस्था गाय व गौ मूत्र तक पहुंच गयी |

ABHISAR SHARMA AT NEWSCLICKSIN

बात शुरू हुई थी अभिसार के एक ट्वीट से जिसमें वो न्यूज़ क्लिक्सइन यूट्यूब चैनल पर ‘राजीव गांधी को तो बख्श मोदी जी’ नामक एक कार्यक्रम दिखाया | इसपर साकेत बहुगुणा नें पलटवार करते हुए अभिसार से पूछ डाला कि “कांग्रेसी ऱोज पानी पी-पीकर मोदी जी को गाली देते हैं तब कुछ नहीं, सार्वजनिक जीवन में रहे गांधी-वाड्रा परिवार के किसी व्यक्ति को कुछ कह दिया तो मीडिया में बैठे दरबारियों को कैसे मिर्च लग जाती है ! हाय रे फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेसन” |

SAKET BAHUGUNA AT INDIA TODAY CONCLAVE

हालांकि अभिसार साकेत बहुगुणा को जवाब देने की बजाय हिंदुओं की आस्था गौ मूत्र पर बयान दे दिया और कहा कि “Phd करके कोई फायदा नहीं होता, अगर दिमाग मे गौ मूत्र भरा हो। ये साकेत उसकी मिसाल है। अरे भाई गाली देना, किसी मृत व्यक्ति को अपशब्द फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेसन नहीं होता। खैर तुम तो बोलोगे ही। वर्ना टिकट कैसे मिलेगा चुनाव लड़ने के लिये । ये तो क्वालीफिकेशन है संस्कारी पार्टी की।”

इधर अभिसार की व्यक्तिगत न होकर धार्मिक आस्था के ख़िलाफ़ की गई टिप्पणी पर साकेत नें फिर जवाबी हमला किया और कहा “हाँ गाय मेरी माता है क्योंकि मैंने उसका दूध पिया है और ये मेरी आस्था भी है। PhD करूं चाहे कुछ और,जड़ें नहीं भूलूंगा। आपको भी बचपन में गाय का दूध,मक्खन, घी और चरणामृत में गौमूत्र अगर मिला होता तो दिमाग अधिक विकसित होता, और निश्चित ही दिमाग में हिंदुओं के लिए इतनी नफरत न भरी होती।”