JNU कैंपस (दिल्ली) : वामपंथी छात्राओं द्वारा JNU प्रोफेसर वंदना मिश्र से भीड़ द्वारा हमले व कपड़े खींचने का वीडियो वायरल हुआ है।
लगभग 10 दिनों से चल रहा JNU में छात्रों और प्रशासन के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा | ये विवाद JNU में छात्रों की मेस व हास्टल की बढ़ाने को लेकर शुरू हुआ था |
Reasons for #JNUprotest include:
1. Rent for student single room hiked from ₹10 to ₹300
2. Rent for student double room hiked from ₹20 to ₹600
3. One-time refundable mess security deposit hiked from ₹5,500 to ₹12,000https://t.co/23nu6MbiQH pic.twitter.com/6zJ38C7v1E— Shiv Aroor (@ShivAroor) November 11, 2019
इसी बीच JNU का एक वीडियो आया है जिसमें ख़ुद JNU की वामपंथी छात्र संगठनों की छात्राएं एक महिला प्रोफ़ेसर के साथ बहुत बदतमीजी से पेश आई हैं | जैसा कि ये वीडियो आते ही सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ लोग इस वीडियो को देखकर सहमे रह गए|
जैसा कि इस वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि प्रदर्शन कर रही JNU छात्राओं की भड़की हुई भीड़ उस महिला प्रोफ़ेसर जिसका नाम वंदना मिश्रा बताया गया उन पर टूट पड़ती है | इससे भी घटिया बात कि उस भीड़ में छात्राएं प्रोफ़ेसर वंदना को चारो तरफ़ से घेरे हुए हैं और उनके कपड़े फाड़ रही हैं |
आगे उस भड़की भीड़ नें जब महिला प्रोफ़ेसर को नीचे धक्का मार मारकर गिरा नहीं दिया तब तक उनपर झपट रही थीं | इसको देखकर उनकी जान बचाने के लिए JNU की महिला सुरक्षाकर्मी आईं जोकि उन भड़की छात्राओं की भीड़ में भी कम पड़ गईं, हालाँकि किसी तरह बाद में वंदना को बचाया गया | ये घटना तब हुई जब वंदना अपने कमरे से बाहर निकल रही थीं उसी बीच उन्हें कुछ महिला छात्रों नें घेर लिया |
A union minister confined for 4 hours. A lady professor pawed & manhandled. Can this pass off as protests in JNU? Or do students think they can get demands met through strong-arm tactics?
Share your view with Padmaja Joshi on @thenewshour AGENDA. | Tweet with #JNUFreeForAll pic.twitter.com/ymZx8sJSdJ
— TIMES NOW (@TimesNow) November 11, 2019
इस वीडियो के वायरल होने के साथ लोग उन छात्राओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं | अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य आतिफ़ अहमद नें भी उस वीडियो को शेयर करते हुए छात्राओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की |
आतिफ़ नें कहा कि “JNU में एक महिला प्रोफेसर के साथ इतनी बदसलूकी, यह तो छात्र आन्दोलन नही हो सकता। ताज्जुब नही होगा यदि यह कपड़े फाड़ने का प्रयास करने वाली वामपंथी विचारधारा की समर्थक छात्रा, कल महिला अधिकारों पर भाषणबाजी करते हुए दिखे, शर्मनाक !”
#JNU में एक महिला प्रोफेसर के साथ इतनी बदसलूकी। यह तो छात्र आन्दोलन नही हो सकता। ताज्जुब नही होगा यदि यह कपड़े फाड़ने का प्रयास करने वाली वामपंथी विचारधारा की समर्थक छात्रा, कल महिला अधिकारों पर भाषणबाजी करते हुए दिखे। शर्मनाक !@narendramodi@AmitShah@DrRPNishank pic.twitter.com/D1lJKxXVoc
— Atif Rasheed (@AtifBjp) November 11, 2019
उधर JNU के कुछ छात्रों नें बढ़ी हुई फ़ीस की घोषणा के मामले में जानकरी दी है कि :
- दो कमरे की वार्षिक फ़ीस 240 से 7200 रुपए
- एक कमरे की फ़ीस 120 से 3600 रुपए
- वापस होने वाली मेस की फ़ीस 5500 से 12 हज़ार
- सर्विस चार्ज 0 से 20400 रुपए की बढ़ोतरी की गई है |
JNU protests: Here are the existing charges and revised charges under different categories including room rent and mess security
Follow Live Updates:https://t.co/Jvt2F3fcix pic.twitter.com/zATv0Ghhcr
— The Indian Express (@IndianExpress) November 11, 2019
हालाँकि यहाँ स्पष्ट कहना चाहते हैं कि अचानक बढ़ी हुई फ़ीस को लेकर जो भी छात्र संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वो उनका मौलिक अधिकार है और प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों का कहना है कि यहाँ JNU में सब लोग पूरे देश से पढ़ने के लिए आते हैं क्योंकि यहाँ हर कोई गरीब अमीर पढ़ता है इसकी वजह फ़ीस भी है और इसे ही बढ़ा दिया जाएगा तो गरीब बच्चे कैसे पढ़ेंगे |
JNUSU नें कहा कि 40 % से अधिक वो बच्चे पढ़ रहे हैं जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1.44 लाख से कम है जबकि बैचलर व मास्टर के छात्र 2 हज़ार मासिक मेरिट कम मीन्स स्कालरशिप पर निर्भर हैं ऐसे ही मासिक 5 हज़ार, PH.D व M.PHIL के छात्र UGC NON NET SCHOLARSHIP पर निर्भर हैं |
छात्रों नें AICTE की बिल्डिंग का भी घेराव किया है और उनका लगातार प्रदर्शन भी जारी है | उधर JNU प्रशासन का कहना है कि फ़ीस बढ़ाने के पीछे का मकसद है अच्छी हास्टल सुविधाएँ देना है | वहीं मेस फ़ीस बढ़ाने के पीछे कहा है कि इसके द्वारा डिफाल्टरों (डिग्री पूरी करने के बाद हॉस्टल में रह रहे छात्र) को अलग करना है |
इसके अलावा बीते शुक्रवार को केंद्रीय HRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को कुछ छात्रों नें 4 घंटे तक उनको बंधक बनाए रखा और उन्हें दीक्षांत समारोहसे वापस बाहर आने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी जबकि एक प्रतिनिध मंडल निशंक से मिला और उन्होंने उनसे बात भी की |
इन सबके बीच देखना होगा कि प्रशासन फ़ीस को लेकर छात्रों के सामने झुकेगा या इसका उल्टा !