“आपातकाल में सारा विपक्ष जेल में था तब 42वां संशोधन किया गया था, संविधान की आत्मा को चोट पहुँचायी थी। वो ठीक करिए, आप ही कर सकते हैं, 6 दिसम्बर को बाबा साहब की पुण्यतिथि है, सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
बाबा साहब ने जो मूल संविधान था उसको वैसे ही कर दीजिए , इमर्जन्सी में सारा विपक्ष जेल में था तब 42 वा संशोधन किया गया था , संविधान की आत्मा को चोट पहुँचायी थी , वो ठीक करिए आप ही कर सकते हैं , 6 दिसम्बर को बाबा साहब की पुण्यतिथि हैं सच्ची श्रधांजली होगी । जय भीम जय भारत https://t.co/RuhghPfQJq
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) November 26, 2019
आपको बता दें कि संविधान के 42वें संशोधन के ज़रिए सेकुलर शब्द को जोड़ा गया था।
बाबा साहब का संविधान मूलतः “धर्मनिरपेक्ष “ हैं । इसी इमर्जेन्सी में तुष्टिकरण की राजनीति की शुरुआत हुई जब 42 संशोधन कर संविधान के आत्मा यानी preamble में “सेक्युलर “शब्द घुसाया गया । क्या हम बाबा साहब के संविधान हमारा संविधान को उसके मूल रूप में ला सकते हैं ? सही श्रधांजली होगी
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) June 25, 2019
6 December बाबा साहब की पुण्यतिथि हैं । इससे अच्छा दिन क्या होगा बाबा साहब के श्रधांजली के लिए ? 42 तब हुआ था जब सारा विपक्ष जेल में था और अब 42 तब हटे जब सारा विपक्ष सदन में हो । पता तो चले हटाने का विरोध किसने किया ? देश को हक़ हैं जानने का !! ये काम भी @narendramodi जी करेंगे https://t.co/eIkKNPG4mg
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) October 13, 2019