लकवाग्रस्त पिता की बेटी जस्मिता शुक्ला ट्यूशन पढ़ाके सिविल जज टॉपर, बोलीं संस्कारों को ऊंचा रखें

रीवा (MP) : लकवाग्रस्त पिता की बिटिया जस्मिता शुक्ला ट्यूशन के दम पर सिविल जज में टॉप कर गईं ।
मध्य प्रदेश सिविल जज परीक्षा में इस बार बेटियां बाजी मारने में कामयाब हुई हैं !
रीवा जिले की जस्मिता शुक्ला ने पहला स्थान प्राप्त किया है । टॉप-10 उम्मीदवारों में 9 लड़कियां हैं ।
इनमें से रीवा की जस्मिता शुक्ला टॉपर बनीं उन्हेंं 350 में से 304 अंक मिले । 300 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर दतिया की शिखा चतुर्वेदी रहीं, जबकि तीसरे स्थान पर रेखा द्विवेदी और 296.5 अंकों के साथ चौथे स्थान पर शिवपुरी की प्राची चौधरी रहीं ।
रीवा शहर के प्रकाश चौक की रहने वाली जस्मिता ने इस ऐतिहासिक सफलता को स्वयं ट्यूशन पढ़ाकर हासिल किया। जस्मिता के पिता लकवा ग्रस्त है और आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे थे।
23 वर्षीय जस्मिता मात्र 1 वर्ष अपनी बड़ी बहन अर्पिता शुक्ला के साथ सिविल जज की परीक्षा में बैठी थी। दोनों ने फरवरी 2019 में प्री और अप्रैल माह में मेन्स क्रास किया लेकिन मंजिल तक पहुंचने के मामले में जस्मिता अपनी बड़ी बहन से आगे निकल गई। प्रदेश में जस्मिता को पहली पोजीसन मिली जबकि बड़ी बहन असफल रही. जस्मिता और उनकी बड़ी बहन वर्ष 2014 से स्कूली बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रही हैं।
MP Civil Judge Topper Jasmita Shukla with her family members (Father, Mother, Sister, Brother, Grand Mother)
जस्मिता और अर्पिता के लिए जीवन में संघर्ष उस समय बहुत ज्यादा हो गया जब उनके पिता रंगनाथ शुक्ला 8 साल पहले लकवा से ग्रसित हो गए थे. लकवाग्रस्त होने के बाद से पढाई और भरण पोषण की कठिनाइयों के लिए के लिए बहनों ने ट्यूशन पढ़ाने की शुरुआत की। हायर सेकेण्ड्री में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर जस्मिता को छात्रवृत्ति मिल रही थी।
जस्मिता ने जहां स्कूल की पढ़ाई आदर्श गर्ल्स हाई स्कूल से पूरी की है। वहीं बीए-एलएलबी में टीआरएस कॉलेज से 82 प्रतिशत अंकों के साथ वे टॉपर रहीं। जस्मिता को ड्राइंग और पेंटिंग का शौक भी रहा है। रंगनाथ शुक्ला और रजनी शुक्ला की बेटी बचपन से ही लगन के साथ पढ़ाई करती रहीं है। जास्मिता की इस कामयाबी से पूरा शहर गौरान्वित है।
स्थानीय चैनल विंध्या टाईम्स को दिए साक्षात्कार में उन्होंने सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि “संस्कारों को हमेशा ऊंचा रखें और सोशल मीडिया से दूर रहें।”