जबलपुर (एमपी) : कमलनाथ सरकार के ओबीसी आरक्षण वाले फैसले पर जबलपुर हाईकोर्ट नें एक याचिका के बाद रोक लगा दी है |
इसी साल 2019 में फरवरी के अंत में कमलनाथ वाली कांग्रेस सरकार नें मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को वर्तमान के 14% से बढ़ाकर 27% करने का ऐलान किया था | पहले इसे राज्य की विधानसभा में पास किया गया फिर बाद में जिसे राज्य की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नें भी अनुमोदित कर दिया था |
हालांकि अब इस आदेश पर जबलपुर हाईकोर्ट नें रोड़ा अटका दिया है, और ऐसा तब हुआ है जब कमलनाथ के इस फैसले के ख़िलाफ़ कोर्ट में याचिका डाली गयी जिसमें कहा गया है कि राज्य में कुल आरक्षण को 50% से एक भी ऊपर फीसद नहीं बढ़ने देना चाहिए |
आपको बता दें कि एमपी में मेडिकल कालेजों में इसी महीने 25 मार्च से MBBS के लिए काउंसलिंग शुरू होनी थी | लेकिन इसमें अगर ओबीसी के नए सिस्टम को माना जाता तो इस काउंसलिंग सिस्टम में नए 27% के प्रावधान चालू हो जाते | हालांकि कोर्ट के स्टे के बाद अब इसमें पहले वाला 14% ओबीसी कोटा ही लागू होगा |
इस केस में याचिकाकर्ता हैं असिता दुबे, रिचा पाण्डेय व सुमन सिंह, जिनकी मांग है कि आरक्षण की सीमा किसी भी परिस्थिति में 50% की सीमा पार नहीं करे |
उधर कमलनाथ सरकर की दलील है कि 50% की सीमा एमपी के अलावातमिलनाडु में पार की जा चुकी है |
आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार के इस आरक्षण बढ़ाने वाले आदेश से पहले राज्य में SC के लिए 16%, ST के लिए 20% और OBC के लिए 14% आरक्षण पहले ही था |
Jabalpur High Court quashes Madhya Pradesh government’s order of increasing the percentage of reservation for OBC community to 27% in NEET PG Counselling.
— ANI (@ANI) 19 मार्च 2019