नई दिल्ली:-भारत सरकार RBI (रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ) के द्वारा एक NRI बांड को जारी कर सकती है,क्योकि सरकार चाहती है कि भारतीय करेंसी के गिरते मूल्यों को सही कर सके।रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया कर सकेगी डॉलर को आकर्षित।
NRI बांड क्या है,और यह कैसे मदद कर सकता है?
1.अप्रवासी भारतीयों द्वारा भारत के बैंको में इन्वेस्टमेंट।
2.दुनिया का हर देश बांड जारी करता है, क्योकि बांड एक इन्वेस्टमेंट टूल हैं।
3.भारत में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा बांड को जारी किया जाता है।
4.बांड में जो कमाई होती है,उसको यील्ड कहा जाता है।
5.बांड को LONG TERM के लिए रखा जाता है लेकिन सरकार पर निर्भर है कि वो कितने साल तक का होगा।
6.अप्रवासी भारतीय जो भी राशी बांड में इन्वेस्ट करता है,उसमे हर साल यील्ड को जोड़ा जाता है।.
7.भारत सरकार चाहती है कि इंडिया में डॉलर आये,इससे भारत की गिरती करेंसी को सँभालने में मदद मिलेगा।
8.NRI BOND कच्चे तेल के बढ़ते दामों की वजह से जो गिरी हुई अर्थव्यवस्था है, उसको भी नियंत्रित कर सकेगी।
FOREIGN PORTFOLIO INVESTORS क्या है, और इन्होने क्यों PULL OUT किया–
1.Foreign portfolio investors इनको अस्थायी इन्वेस्टर्स कहा जाता है, ये बस कुछ दिनों के लिए मार्केट में पैसा लगाते हैं।
2. इनको जब लगता है की पैसा ज्यादा कमा लिया गया है, तो ये वहाँ से pull out कर लेते है।
3. भारत से 47,836 करोड़ रुपये को FPI ने pull out कर लिया।
-यही कारण है जिससे भारत में डॉलर की डिमांड कम और भारतीय करेंसी में भी गिरावट देखने को मिल रहा है।