मध्य प्रदेश(भोपाल) : आगामी माह में देश में 5 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं जिसमे इस बार एमपी का चुनाव बेहद रोमांचक हो चला है क्योंकि इस बार एमपी में कुछ नया होने जा रहा है | एमपी चुनाव में इस बार तीसरा फ्रंट भी हुंकार भर चुका है|
इस तीसरे फ्रंट का नाम सपाक्स है जिसने एमपी की सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का दम भरा है आपको बता दें कि यह संगठन पिछले कई सालों से जातिगत आरक्षण, पदोन्नति में आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहा था लेकिन जब से केंद्र सरकार ने संसद में अध्यादेश के जरिए एट्रोसिटी ऐक्ट को पलटा है उसके बाद से यह लगातार इस ऐक्ट के बदलाव का खासा विरोध कर रहा है|
लेकिन यह संगठन अपने सभी उम्मीदवारों की टेस्टिंग करके उन्हें मैदान में उतारने की तैयारी में जुटा है| उसके लिए लगातार रैली, सम्मेलन व सभाएं आयोजित भी की जा रही है|
एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ सपाक्स का करवा चौथ
इसके कार्यकर्ता 24 अक्टूबर को रैली का जगह जगह आयोजन कर रहे हैं जिसमें सभी जिलों के SDM व तहसीलदारों को ज्ञापन भी दिए जाएंगे| इन में सभी क्षेत्रों की स्थानीय समस्याओं की प्रश्नावली भी सौपीं जाएंगी|
अब इस हफ्ते सपाक्स पूरे एमपी में अपने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए लोगों के बीच जाकर शासन की कमियों को बताएगा| इसी माह की 27 को करवा चौथ का पर्व भी मनाया जा रहा है और इसी दिन सपाक्स भी एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ व्रत करने जा रहा है|
सवर्णो का गुस्सा राज्य में सातवें आसमान पर है
जिसके लिए उन्होंने 6 सितम्बर को देश व्यापी बंद बुलाया था लेकिन बिना किसी पार्टी के समर्थन के बिना भी जन समूह सड़कों पर उतरा | जिसमें खासकर एमपी की सड़कों में पहली बार किसी बंद में इतनी भीड़ दिखी थी |
इस गुस्से का एहसास सूबे के मुखिया को भी हो चुका है इसीलिए उन्होंने एक बयान में ये तक कहना पड़ा कि इस एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं होगी | जिसे उन्हीं की पार्टी ने सर्वसम्मत से संसद में बदल दिया था यहां तक कि उन्हीं के पार्टी के कलराज मिश्र, लक्ष्मण तिवारी जैसे नेता भी इस फैसले का विरोध किए हैं|
अब इसके बाद चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के बाद यह संघठन कितना सही साबित कर पाएगा यह तो वक्त ही बताएगा ।