पालघर (Maha) : साधुओं की हत्या को लेकर पूर्व पुलिस IG नें एक साजिश पर सवाल खड़े किए हैं।
16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में हुई दो साधुओं सहित उनके ड्राइवर की हत्या को लेकर अब नए पेंच सामने आ रहे हैं।
जिस पालघर क्षेत्र में ये घटना हुई वो आदिवासी बहुल इलाकों में से है। और कई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इसी क्षेत्र के कुछ आदिवासियों ने साधुओं को चोर समझकर उन्हें मार दिया था।
लेकिन पालघर के पुलिस IG रहे सत्यपाल सिंह नें आदिवासियों के क्षेत्र में छद्म धर्म परिवर्तन का दावा किया है। आपको बता दें सत्यपाल सिंह मुंबई के पुलिस कमिश्नर भी रह चुके हैं।
सिंह ने अपने बयान में कहा कि “वर्षों पहले पालघर आदिवासी क्षेत्र का मैं पुलिस आई.जी था। आदिवासी क्षेत्र में अपराध ना के बराबर है परंतु छदम रूप में सेवा व लालच को हथियार बनाकर धर्म परिवर्तन कराने की साजिशें चालू हैं।”
इस पूर्व पुलिस अधिकारी नें साधुओं की हत्या की थ्योरी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि “साधुओं को चोर बताकर मारने के लिये ग्रामीणों को किसने भड़काया, यह पता लगाना अत्यंत जरूरी है।”
वर्षों पहले #पालघर आदिवासी क्षेत्र का मैं पुलिस आई.जी था। आदिवासी क्षेत्र में अपराध ना के बराबर है परंतु छदम रूप में सेवा व लालच को हथियार बनाकर धर्म परिवर्तन कराने की साजिशें चालू हैं। साधुओं को चोर बताकर मारने के लिये ग्रामीणों को किसने भड़काया–यह पता लगाना अत्यंत जरूरी है।
— Dr. Satya Pal Singh (@dr_satyapal) April 22, 2020
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने हत्याकांड की जांच CID अधिकारी से कराने की जानकारी दी है। उद्धव सरकार में गृहमंत्री अनिल देशमुख नें कहा कि “CID के एक विशेष IG स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने अपराध के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया। हम आज व्हाट्सएप के जरिए आरोपियों के नाम जारी कर रहे हैं, उस सूची में कोई मुस्लिम नहीं है।”
पालघर की घटना पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख नें सोशल मीडिया पर किए गए दावों पर कहा कि “वीडियो में एक आवाज़ सुनाई दी है ‘ओये बास’, लोगों ने इसे ऑनलाइन प्रसारित किया और कुछ लोगों ने इसे ‘शोएब बस’ कहा। सभी राज्य तंत्र महामारी से लड़ रहे हैं और कुछ लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की।”
【नोट : ये मीडिया हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय के मीडिया छात्रों द्वारा चलाया जा रहा है】