2020 में ख़त्म हो रहे आरक्षण पे संसदीय बहस के लिए ओम बिरला से मिलेगी हिंदू महासभा, भेजा पत्र

अमृतसर (पंजाब) : हिंदू महासभा संसद में आरक्षण पे बहस करवाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से मुलाक़ात करेगी ।

आरक्षण पर देश की संसद में बहस करवाने के लिए अखिल भारतीय हिंदू महासभा लोकसभा अध्यक्ष से मुलाक़ात करेगी । हिंदू महासभा नें कहा कि देश में आरक्षण की समय सीमा 2020 में ख़त्म हो रही है ।

आपको बता दें कि हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज 11 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर जतिगत आरक्षण के ख़िलाफ़ हुई सभा में शामिल हुए थे ।

11 Aug. 2019 : Chakrapani Maharaj in Reservation movement Jantar Mantar, Delhi

हिंदी समाचार एजेंसी यूनीवार्ता के अनुसार अखिल भारतीय हिंदू महासभा सभा ने मांग की है कि भविष्य में आरक्षण को लागू करने या न करने के संबंध में संसद में बहस करवाई जानी चाहिए । हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष अध्यक्ष एडवोकेट गगन भाटिया और पंजाब के महासचिव राजविंदर राजा राजा ने 9 सितंबर को अमृतसर में जारी बयान में कहा कि इस मामले को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी के दिशा निर्देशों पर 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात करेगा । इस विषय को लेकर महासभा ने लोकसभा स्पीकर को पत्र भी भेज दिया है ।

Loksabha Speaker Om Birla
उन्होंने कहा कि आरएसएस भाजपा देश में आरक्षण को खत्म करने के लिए तर्क देती रही है । आज भाजपा के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है इसलिए आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत को भी भाजपा पर दबाव बनाकर संसद में आरक्षण के मुद्दे पर बहस करवाने चाहिए । उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा शुरू से ही देश के अंदर जाति के आधार पर देश के हिंदू समाज को बांटने की साजिशों का विरोध करती रही है ।
CHAKRPANI MAHARAJ, PRESIDENT HINDU MAHASABHA
चुनावों से पहले भाजपा के नेता आरक्षण को खत्म करने के लिए देश की जनता से बातें करते रहे हैं अब 2020 में आरक्षण की समय सीमा समाप्त होने वाली है । दोनों नेताओं ने कहा कि जाति आधारित आरक्षण को कुछ शक्तियां दोबारा आगे बढ़ाकर देश के लोगों को जातियों में बांटने की साजिश में लगे हुए हैं ताकि देश की हिंदू शक्ति को कमजोर किया जा सके ।
RSS Chief Mohan Bhagwat
हिंदू महासभा शुरू से ही जाति प्रथा को खत्म करने के लिए आवाज उठाती रही है । मोहन भागवत के आरक्षण को एक सीमित समय के लिए लागू किया गया था इसलिए आरक्षण के मुद्दे पर बहस संसद में होनी चाहिए । हिंदू महासभा की मांग है कि केंद्र सरकार आरक्षण के संबंध में संसद के अंदर और बाहर बहस करवाए और देश की जनता की राय जानकर भविष्य में आरक्षण संबंधी फैसला लें ।