किसानो ने रंग डाली गाय, लिखा वोट फॉर नोटा – चुनाव स्पेशल

एमपी के कई गाँवों के लोगो ने अपने गाँव के बाहर पोस्टर्स से पहले ही यह जाहिर किया हुआ है की वह एससी एसटी एक्ट का विरोध करते है इसलिए राजनीतिक पार्टिया यहाँ वोट की चोट लेने ना आये।

मध्य प्रदेश(भोपाल) : बार बार राजनीतिक रूप से ठगे जाने का तिलिस्म लिए घूम रहे सवर्ण संगठन आये कई दिन से नोटा दबाओ, सबक सिख़ाओ की राग अलाप रहे है। नोटा दबवाने का जैसे स्वघोषित टेंडर ले लिए इन सवर्ण समाज के फन्ने खानो की मेहनत लग रहा है कुछ रंग लाती हुई दिख रही है।

खबर मध्य प्रदेश से है जहाँ की कुछ तस्वीरें भाजपा और कांग्रेस दोनों को सकते में डाल सकती है, दरअसल सवर्णो में नोटा का इश्क़ कुछ इस तरह चढ़ा है की उन्होंने पशुओ तक को नोटा के रंग में रंग डाला है।


अभी तक भाजपा को अपना आला कमान मानने वाले सवर्ण संगठन एससी एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटे जाने के बाद से अपने आप को बिना माई बाप का समझना शुरू कर दिए थे।

रंग दे तू मोहे नोटा से

सवर्ण संगठनों का कहना था की बीजेपी ने यह जानते हुए की इस एक्ट का दुरूपयोग होता है फिर भी वोट की खातिर उनकी बलि देना उपयोगी समझी है। कई राजीनतिक पंडितो को डर है की बढ़ते सवर्णो के गुस्से से भाजपा अपने लिए गए इस फैसले से खुद ही पेला ना जाये।


एमपी के कई गाँवों के लोगो ने अपने गाँव के बाहर पोस्टर्स से पहले ही यह जाहिर किया हुआ है की वह एससी एसटी एक्ट का विरोध करते है इसलिए राजनीतिक पार्टिया यहाँ वोट की चोट लेने ना आये।

वही एट्रोसिटी एक्ट की धुर विरोधी सपाक्स भी राज्य के चुनावो में कूद रही है जिसके बाद मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प होने जा रहा है, अब देखना यह होगा की भाजपा के कोर वोट बैंक किस ओर करवट लेते है क्यूंकि अगर नोटा दबेगा तो उसके सोटे से चमड़ी उधड़ना तो लाजिमी है।