नईदिल्ली : कर्नाटक में लिंगायत को अलग धर्म को न मानने वाली BJP महाराष्ट्र में एक और आरक्षण देने की तैयारी में हैं |
महाराष्ट्र की BJP सरकार पूरी तरह से चुनावी मूड पर दिख रही है , क्योंकि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव साल अक्टूबर 2019 के आसपास होने वाला है | वोटबैंक को देखते हुए सरकार नें पहले ही राज्य में मराठा आरक्षण की बाजी मार ली है | वहीं अब एक और आरक्षण की मांग राज्य में उठी है और वो लिंगायत समुदाय की है | हालाँकि ये थोड़ा सा हैरान करने वाला फ़ैसला लगा क्योंकि कर्नाटक चुनाव से पहले काँग्रेस JDS द्वारा समुदाय को अलग धर्म की मान्यता दिए जाने का BJP नें विरोध किया था | अमित शाह नें कहा था कि इससे समाज बटेंगा |
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले सोमवार को कहा कि लिंगायत समुदाय को आरक्षण देने का एक प्रस्ताव पिछड़ा वर्ग आयोग को भेजा जाएगा। आयोग एक रिपोर्ट तैयार करने पर काम करेगा जिसके आधार पर आरक्षण लागू हो सके।
फडणवीस ने यह भी कहा कि समुदाय के संत, 12 वीं सदी के संत बसवाश्वर जिन्होंने ब्राह्मणवाद और इसकी प्रथाओं के खिलाफ विद्रोह किया था, उनकी प्रतिमा सोलापुर जिले के मंगलवेद नगर में स्थापित की जाएगी जिसके लिए 96 करोड़ बजट मंजूर किया गया है ।
समुदाय के नेताओं ने पिछले सोमवार को सीएम फडणवीस से मुलाकात की, उनकी अनारक्षित श्रेणी में आने वाले लिंगायत समुदाय की तीन उप-जातियों को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण दिया जाना चाहिए। समुदाय से कुछ उपजातियां हैं जो विभिन्न आरक्षण के अंतर्गत आती हैं। आयोग इन उप-जातियों – हिंदू वीरशैव, हिंदू लिंगायत और रेड्डी – की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों का अध्ययन करेगा और महाराष्ट्र सरकार को अपनी सिफारिशें देगा।
लिंगायत महासमिति के ओमप्रकाश कोटे ने कहा, “सीएम ने हमारी सभी मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार किया। संत बसवेश्वर के स्मारक के लिए 96 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है और काम शुरू हो जाएगा।”
आपको बता दें कि समुदाय के पास पहले से ही एक अलग धर्म का दर्जा है, और कर्नाटक सरकार ने भी अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण का लाभ देने का वादा किया है। कर्नाटक में लिंगायतों की आबादी का 16% और महाराष्ट्र में लगभग 6-7% आबादी है।
CM Devendra Fadnavis to get demand for Lingayat quota examined by state panel https://t.co/bYHUIIGcNv
— TOI Mumbai (@TOIMumbai) July 23, 2019