DU कैंपस : नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में आज सड़कों पर उतरा DU का छात्र संघ, कहा देशहित में है कानून।
देशभर में CAB व NRC जैसे मुद्दों पर कई जगह विरोध हो रहा था। कई मुस्लिम यूनिवर्सिटी नें नागरिकता कानून का पुरजोर विरोध किया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस के साथ छात्रों के टकराव की रिपोर्ट भी आईं।
इसी बीच अब कई संगठन इसके समर्थन में भी उतर आए हैं। राजस्थान के क्षत्रिय संगठन श्री राजपूत करणीसेना नें कानून को राष्ट्रहित में करार करते हुए देश से इसके समर्थन का आव्हान किया।
आज दिल्ली में देश की जानी मानी दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों नें नागरिकता कानून का समर्थन किया। DU के नार्थ कैंपस स्थित ऑर्ट्स फैकल्टी के सामने DU के सैकड़ों छात्रों नें कानून के पक्ष में केंद्र सरकार के साथ होने की घोषणा की। DU के छात्र संघ DUSU के नेतृत्व इस समर्थन कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें पूरवोत्तर से लेकर पूर्वांचल तक के सैकड़ों छात्रों नें NRC व CAB के पक्ष में नारे लगाए।
इसके बाद समर्थन रैली नार्थ कैंपस के आर्ट्स फैकल्टी से शुरू होकर छात्रा मार्ग होते हुए पुनः आर्ट्स फैकल्टी पर खत्म हुई। इस रैली में तमाम ऐसे छात्र शामिल हुए जिन्होंने कहा की नागरिकता संसोधन कानून देशहित में है, इसमे नागरिकता देने की बात की गयी है न की नागरिकता छिनने की बात की गयी है।
DU छात्रों की इस रैली में आए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दिल्ली प्रदेश मंत्री श्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि “कई दिनों से DU में नागरिकता संसोधन बिल के विरोध में खड़े गुट ने छात्रों को परीक्षा देने से रोका जा रहा था, जिससे छात्र काफी नाराज थे जिसके बाद में विद्यार्थी परिषद ने हस्तक्षेप किया, उसके बाद उन छात्रों को परीक्षा देने दिया गया।”
वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा कि “दिल्ली विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों ने मुझे वोट देकर अध्यक्ष पद पर चुना है, मैं कभी भी ऐसे छात्रों के हक के खिलाफ होने वाले कार्यों को सफल नही होने दूंगा साथ ही उन्होंने ये भी कहा की नागरिकता संसोधन कानून के समर्थन में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ खड़ा है।”
वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि “विरोध प्रदर्शन पूरे देश में नहीं हो रहा है, कुछ मुट्ठी भर लोग हैं जो देश की सामाजिक समरसता को बिगाड़कर माहौल को खराब करना चाह रहे हैं, तमाम विश्वविद्यालय के कैंपस को इसका अड्डा बनाया जा रहा है लेकिन देश के छात्र इसके साथ खड़े नहीं हो रहे हैं। इन लोगों का काम हर मुद्दे पर विरोध करना है।”
कानून पास हो चुका है लोग अपने अपने तर्क से इसे सही या ग़लत बता रहे हैं तो आगे देखना होगा कि इसपर सरकार या विपक्ष या रुख़ अख्तियार करता है।
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