नई दिल्ली : देश में जातिगत टिप्पणी करना आजकल फैशन बन चुका है | वैसे देश में कई राजनेताओं की सियासी दुकान भी इन्हीं टिप्पणियों से चलती है |
और आज 21वीं सदी में भी कई समाजसेवी, चिंतक, लेखक, पत्रकार जातियों से ऊपर उठकर नहीं सोच रहे हैं | एक तरफ दुनिया जहां विकास की ओर देख रही है वहीं आज भारत के बारे में यह भी बड़ी बिडम्बना है कि समाज का एक बड़ा हिस्सा जातीय मुद्दों में उलझा रहे |
इसमें सबसे ज्यादा हैरानी और बढ़ जाती है जब ऐसे लोग इस चीज को संविधान निर्माता बीआर अम्बेडकर से जोड़कर देखते हैं |
अटल जी पर दलित चिंतक की जातिगत टिप्पणी :
देश की राजनीति का ध्रुव तारा, राजनीति का आजातशत्रु कवि, लेखक, पत्रकार, भारत रत्नऔर इनमें से सबसे लोकप्रिय भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी के ऊपर जब कोई व्यक्ति जातिगत टिप्पणी करे तो उसे समाज व देश किस नजरिए से देखता है ?
हम बात कर रहे हैं देश के एक ऐसे ही पत्रकार, लेखक दिलीप मंडल के बारे में जिन्होंने लखनऊ में बने नए क्रिकेट स्टेडियम के बारे में भाजपा पर हमला बोला है |
उन्होंने अपने एक ट्वीट संदेश के जरिए भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाया | बात कुछ ऐसी है कि यूपी के लखनऊ में योगी सरकार नें वहां बने नए स्टेडियम का नाम बदल दिया | इसका पहले नाम ” इकाना स्टेडियम ” रखा था लेकिन उद्घाटन के एक दिन पहले इसका नाम अटल बिहारी बाजपेयी इकाना स्टेडियम रख दिया गया |
और दिलीप मंडल कहते हैं कि ऐसा भाजपा नें इसलिए किया है क्यों कि अटल बिहारी संघी थे, ब्राह्मण थे | हालांकि इस पर कई लोगों नें उन्हें ट्रोल भी किया |
हैं कौन दिलीप मंडल :
दिलीप मंडल के बारे में ऐसे बयान देना कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी वो ऐसे कितने बयान देकर समाचर की सुर्खियां बने हैं | उनकी एक पढ़े लिखे अनुभवी पत्रकारों में गिनती होती है लेकिन ऐसी जातिगत टिप्पणी से वो क्या कहना चाहते हैं यह आम आदमी के समझ से परे है ?
उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी है उनमें से ” मीडिया का अंडरवर्ल्ड ” व कॉर्पोरेट मीडिया : दलाल स्ट्रीट प्रमुख हैं | इसके अलावा वो देश के सबसे बड़े न्यूज चैनल यानी इंडिया टूडे ग्रुप के पूर्व मैनेजिंग एडिटर जैसे पदों में रहे हैं |
आज की पीढ़ी उन्नति व विकास को देखना चाहती है उसमें जातिगत जहर घोलने वाले ऐसे बयानों से सभी को दूर रहना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रहित में है |