पंजाब : रिपोर्ट के अनुसार इस बार काफ़ी अधिक लोगों नें अपनी नाराजगी को नोटा के जरिए व्यक्त किया है |
देश में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं लेकिन इसी बीच हमारे पास एक रिपोर्ट आई जिसमें पता चला है कि पंजाब में रिकार्ड तोड़ लोगों नें किसी भी उम्मीदवार को वोट न देकर नोटा को अपना साथी बनाया है |
एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में 2014 में 58,754 वोट नोटा को पड़े थे वहीं ये आंकडा 2019 आते आते सीधे सीधे तीन गुणा ज्यादा बढ़ गया है |
2019 में पंजाब में 1,53,690 लोगों नें नोटा का बटन दाबकर अपना गुस्सा जाहिर किया | और ये कुल मत प्रतिशत का 1.12 है जोकि CPIM, CPI, NCP, JDU, RSP के कुल वोट प्रतिशत 0.46 से काफ़ी अधिक है और किसी भी पार्टी की नीव हिलाने के लिए काफ़ी होता है | क्योंकि एमपी में शिवराज सरकार को तो नोटा के कारण अपनी कुर्सी भी खोनी पड़ी थी |
पंजाब की 13 लोकसभा सीट में 8 सीटें मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पार्टी को, भाजपा को 2, शिरोमणि अकाली दल को 2 और आप को 1 सीट मिली | सूबे में कुल 278 उम्मीदवारों नें अपना भाग्य अजमाया लेकिन उनको इन वोटरों नें पसंद नहीं किया |
सबसे अधिक 19,053 नोटा फरीदकोट में पड़े और 9 लोकसभा सीटों में नोटा 10 हजार से अधिक पड़ा और सबसे कम खडूर साहिब में जहां 5082 वोट नोटा के खाते में गए |