नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बोबडे बोले न्यायालयों में आरक्षण की जरूरत नहीं है।
देश के सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश नें न्यायपालिका में आरक्षण पर एक इंटरव्यू के दौरान बड़ा बयान दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के होने वाले अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस एस ए बोबडे वर्तमान CJI रंजन गगोई की जगह लिया है। आपको बता दें कि इसी नवंबर के तीसरे हफ़्ते में रंजन सेवा निवृत्त हुए हैं।
CJI शरत अरविंद बोबडे नें हिंदी अखबार अमर उजाला को एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने देश में अदालत से जुड़े सभी मुद्दों पर खुलकर बात रखी।
इंटरव्यू के दौरान जब न्यायपालिका में आरक्षण पर सवाल पूछा गया तो, जस्टिस बोबडे नें कहा “उच्च न्यायालय में अब तक आरक्षण की जरूरत ही नहीं महसूस हुई है।”
आगे उन्होंने कहा कि “अभी न्यायालयों में आरक्षण का वक्त नहीं आया है, आम लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए।”
सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के सवाल पर जस्टिस बोबडे नें कहा “सुप्रीम कोर्ट पूरे देश का है, देश बहुत बड़ा है व विविधताओं से भरा है, लिहाज़ा क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व होना चाहिए। हालांकि इससे प्रतिभा के दरकिनार होने से मैं सहमत नहीं हूँ।”
हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि आम आदमी की सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच नहीं है, वजह चाहे वकीलों की फीस हो या कोई अन्य कारण लेकिन यह सच्चाई है।
Chief Justice of India Designate Sharad Arvind Bobde: Justice delivery system is good, it might require some minor changes, including the use of technology like artificial intelligence. It’s a good system, you need to use some other things. 1/2 pic.twitter.com/vAZnbtpA2H
— ANI (@ANI) October 31, 2019
जस्टिस बोले कि “जहां तक वकीलों की फीस का सवाल है यह मामला बार काउंसिल के समक्ष उठाया जाना चाहिए।”
आगे न्यायपालिका में पारदर्शी तरीके व कॉलेजियम व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि “सुनवाई के सीधे प्रसारण पर काम कर रही है। कॉलेजियम की पारदर्शिता के बारे में सब ANJAC के फैसले के अनुरूप हो रहा है।”
“मेरा मानना है कि जजों के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए।यदि किसी नाम की शीर्ष कोर्ट के लिए अनुशंसा नहीं करते, तो उसे सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं है।”