नईदिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार नें एक फ़ैसले में कहा धर्मांतरण के बाद आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार नें बड़ा फ़ैसला लिया है Zee मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो लोग हिंदू धर्म से मुस्लिम या ईसाई धर्म अपनाते हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने मुस्लिम और ईसाई धर्म में आरक्षण व्यवस्था लागू करने की मांग वाली याचिका पर शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर किया है। केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि जिस व्यक्ति ने धर्म परिवर्तन कर हिंदू से मुस्लिम धर्म परिवर्तन किया है, उसे हिंदू धर्म में विभिन्न जातियों को दिए गए आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
याचिका हिंदू से मुस्लिम बने मोहम्मद सादिक द्वारा शीर्ष अदालत में दायर की गई है, जो पहले मुकेश कुमार थे। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने कहा कि इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि मुस्लिम और ईसाई धर्म में अस्पृश्यता या छुआछूत जैसी चीजें नहीं थी।
और इसी व्यवस्था के मद्देनजर आरक्षण का लाभ हिंदू धर्म की विभिन्न वंचित शोषित व पिछड़ी जातियों को प्रदान किया गया था।
हालांकि ऐसे पहले भी मुद्दे पर निर्णय आ चुके हैं मद्रास हाईकोर्ट के एक निर्णय के अनुसार बौद्ध धर्म अपनाने वाली दलित जातियों को आरक्षण न देने का फ़ैसला दिया था।
हालांकि हाल ही में सत्तारूढ़ दल के झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे नें संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में कहा था। जिन ST जातियों नें ईसाई धर्म अपना लिया है उनका आरक्षण बंद कर देना चाहिए क्योंकि SC के लिए ये कानून था।
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