नईदिल्ली : केंद्र के IIT में आरक्षण वाले निर्देश का डायरेक्टरों नें विरोध करते हुए क्रिकेट में भी लागू करने की चुनौती दे दी।
हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने IIT को कोर टेक्नोलॉजी स्ट्रीम में सीनियर पोस्ट पर कोटा लागू करने का निर्देश दिया है।
इस निर्देश को कई IIT अधिकारियों नें निराशाजनक बताया, संस्थान के निदेशकों की तीखी आलोचना भी मोदी सरकार को झेलनी पड़ी है। यहाँ तक कि निराश निदेशकों नें क्रिकेट में इस तरह के कोटा देने की हिम्मत दिखाई जाने की चुनौती दे दी।
आपको बता दें कि अंग्रेजी अखबार टेलीग्राफ इंडिया नें 21 नवम्बर को इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था। जिसमें बताया गया कि 2008 से, IIT में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में SC, ST और OBC को कोटा दिया जा रहा है लेकिन ये कोटा सिर्फ़ पहले स्तर पर टेक्नोलॉजी सब्जेक्ट में दिया जाता था।
अब सरकार के नए निर्देश के अनुसार, IIT को एसोसिएट प्रोफेसर पोस्ट के साथ-साथ प्रोफ़ेसर पोस्ट में भी आरक्षण का विस्तार करना होगा।उधर ह्यूमैनिटीज और मैनेजमेंट कोर्स में, सभी तीन स्तरों पर कोटा दिया जाता है।
“अब IIT को विभागों के सभी स्तरों पर और सभी कोर्स, साथ ही टेक्नोलॉजी वाले कोर्स में भी आरक्षण लागू करना होगा। जैसा कि एक निर्देश जारी किया गया है, मानव संसाधन विकास मंत्रालय MHRD के वरिष्ठ अधिकारियों ने मीडिया को बताया।
हालांकि सरकार नें ये आदेश केवल IITs जैसे संस्थाओं को देकर नहीं छोड़ा बल्कि अन्य हाई प्रोफाइल मेरिट संस्थाओं जैसे भारतीय प्रबंधन संस्थान IIMs व भारतीय विज्ञान शिक्षा (IISERs) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NITs) को भी जारी किए हैं।
हालांकि सरकार ने 2008 में तकनीकी पाठ्यक्रमों में सहायक प्रोफेसर स्तर पर कोटा लागू करने के लिए IIT को निर्देश दिया था, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा था।
ज़ाहिर है कि यदि देश को विकसित देशों के साथ दौड़ना है तो कम्पटीशन के मायने राजनीतिक सोच से आगे रखने होंगे।
लिहाज़ा मोदी सरकार के इस कदम का IIT पदाधिकारियों नें ख़ुद विरोध किया। सामने आए दो IIT निदेशकों ने मंगलवार को नए सरकारी निर्देश को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।
उन्होंने तीखे तेवर में कहा “यह आईआईटी प्रणाली को नष्ट कर देगा। छात्रों के प्रवेश के स्तर पर, आरक्षण लागू करने के मानदंडों में कुछ छूट ठीक है। लेकिन विभाग के स्तर पर छूट देने जैसे मानकों से आईआईटी प्रणाली का पतन होगा।”
उन्होंने कहा कि “अच्छी गुणवत्ता वाली फैकल्टी” के कारण ही IIT ने लगातार कई वर्षों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
दूसरे निदेशक नें सरकार के निर्देश के विरोध में और भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा IIT विभाग के पदों में सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण लागू किया जाना है, तो भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खिलाड़ियों का चयन करते समय ठीक यही तर्क लागू किया जाना चाहिए।
इसके बाद में निदेशक नें विदेशी पढ़ाकू संस्थाओं से भारत की IITs जैसे मेरिट संस्थाओं को क्रिकेट का उदाहरण देकर महत्व समझाया।
उन्होंने कम्पटीशन पर जोर डालते हुए कहा कि “यदि आप खेल में होना चाहते हैं और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं, तो आपके पास सबसे अच्छी प्रतिभाएं होनी चाहिए।”
हालांकि सरकार के इस निर्देश पर कुछ लोगों ने अपने तर्कों से समर्थन भी किया इसके लिए उन्होंने देश के सामाजिक ताने बाने की बातें जोड़ी।
The government has directed IITs to implement quotas in senior faculty posts in the core technology stream.https://t.co/R6X9daJbrH
— The Telegraph (@ttindia) November 21, 2019