2 सैनिकों नें देवदूत बन ट्रेन यात्री की कराई इमरजेंसी डिलेवरी, मां-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं

मिलिट्री ब्यूरो : आर्मी के महिला जांबाजों नें ट्रेन में इमरजेंसी में जाकर डिलेवरी कराई जिसकी हर कोई तारीफ़ कर रहा है।

सैनिक धर्म बताता है कि ज़बानों के लिए दिन रात नहीं होते, होते हैं उनके लिए तो सिर्फ़ फ़र्ज़।हरियाणवी में सैनिकों के लिए कुछ एक लाइनें हैं :

“जो पूरी रात जागते हो, यो जरूरी कोणी के वो आशिक हो, कुछ देश प मिटन आले फौजी भी होया करै।”

इन लाइनों को हम जोड़ रहे हैं इंडियन आर्मी की दो महिला जांबाजों से।

Captain Lalitha & Amandeep who helped a lady in emergency in Howrah Express

ये जांबाज़ कैप्टन ललिता और कैप्टन अमनदीप हैं, ये इंडियन आर्मी 172 मिलिट्री हॉस्पिटल से हैं।, इन्होंने इमरजेंसी में ऐसा काम किया है जिसे देश सराह रहा है।

वैसे तो हम अक्सर कहते हैं सैनिक सीमाओं पर हमारी रक्षा करते हैं। लेकिन एक वक़्त इमरजेंसी का आता है जब हमारे आसपास कोई होता है वो सैनिक ही होता है।

ऐसा ही वाकया भारतीय रेल में घटा जब हावड़ा एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान एक महिला यात्री की समय से पहले (प्रीमैच्योर) डिलीवरी होने की स्थिति आ गई।

Indian Railway

ये सूचना रेल सुरक्षा कर्मियों तक पहुंची। फ़िर आर्मी हॉस्पिटल की दो कैप्टन ललिता, व अमनदीप नें प्रीमैच्योर डिलेवरी को सुरक्षित कराया।

अब ताज़ा जानकारी यही है कि वो माँ और बच्चा दोनों ही स्वस्थ व सुखद स्थिति में हैं।

 

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