सरकार का बड़ा ऐलान : सवर्णों को मिलेगा 10% आरक्षण, इसी सत्र में पेश होगा बिल

आरक्षण लागू कराने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पारित कराना होगा, देश की हिंदू आबादी में 31% सवर्ण, 125 लोकसभा सीटों पर सवर्णों का असर

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माेदी सरकार ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। यह आरक्षण सरकारी नौकरियों में आर्थिक आधार पर दिया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को इसका फायदा मिलेगा। आरक्षण लागू कराने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पारित कराना होगा। सरकार यह विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश कर सकती है।

सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?

1) विधानसभा चुनावों से पहले हुआ था सवर्णों का आंदोलन 

पिछले साल मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले सवर्ण आंदोलन शुरू हुआ था। इसका सबसे ज्यादा असर मध्यप्रदेश में देखा गया था। तीनों राज्यों में कांग्रेस को जीत मिली थी। अनुसूचित जाति-जनजाति संशोधन अधिनियम के खिलाफ सवर्ण संगठनों ने सितंबर में भारत बंद भी रखा था।

2) देश की हिंदू आबादी में 31% सवर्ण, 125 लोकसभा सीटों पर सवर्णों का असर

1931 के बाद देश में सरकार की तरफ से कभी जातिगत जनगणना नहीं हुई। हालांकि, नब्बे के दशक में गठित किए गए मंडल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में पिछड़े वर्ग की आबादी 50% से ज्यादा बताई गई थी। 2007 में सांख्यिकी मंत्रालय के एक सर्वे में कहा गया था कि हिंदू आबादी में पिछड़ा वर्ग की संख्या 41% और सवर्णों की संख्या 31% है। 2014 के एक अनुमन के मुताबिक, 125 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां हर जातिगत समीकरणों पर सवर्ण भारी पड़ते हैं। भाजपा इन सीटों पर सवर्णों को नाराज नहीं करना चाहती।

क्या सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार करेगी सरकार?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ किया था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग या इनके अलावा किसी भी अन्य विशेष श्रेणी में दिए जाने वाले आरक्षण का कुल आंकड़ा 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

{courtesy: db gruop}