लखनऊ (यूपी) : बसपा नें चौथी सूची में भी सबसे ज्यादा ब्राह्मणों को टिकट देकर ब्राह्मण-दलित वोट वैंक साधने की कोशिश की है |
2019 लोकसभा चुनाव का रण जारी है, कई राज्यों में पहल चरण की वोटिंग भी हो चुकी है इधर जिन सीटों पर चुनाव होने वाले हैं उनके लिए टिकट भी दी जा रही है |
उत्तरप्रदेश में सपा के साथ गठबंधन में लड़ने वाली बसपा नें रविवार को 16 उम्मीदवारों की अपनी चौथी लिस्ट जारी किया है हालांकि इसमें यदि आप यह सोच कर चल रहे होंगे कि दलितों की पार्टी है तो टिकट भी दलितों को दिए गए होंगे, ऐसा नहीं है |
दरअसल इस लिस्ट में ज्यादातर सीटें सवर्णों ख़ासकर ब्राह्मण समाज के लोगों को दी गई हैं उधर दलित समाज के लोगों में जिनको टिकट दी गई हैं उनमें SC के लिए 3 सीटें आरक्षित भी हैं यानी नियमानुसार वहाँ SC-ST के अलावा कोई उम्मीदवार हो ही नहीं सकता | यूपी में प्रतापगढ़ से अशोक कुमार त्रिपाठी, अम्बेडकरनगर से रितेश पाण्डेय, संतकबीरनगर से कुशल तिवारी और भदोही से रंगनाथ मिश्रा |
हालांकि बसपा की यह पहली लिस्ट नहीं है जिसमें ज्यादातर सीटें दलित समाज के लोगों को न देकर सवर्ण या ब्राह्मणों को दी गई हैं बल्कि ऐसा हाल सभी 4 लिस्ट में दिखा है | इसका कारण बसपा का अपना पुराना दलित-ब्राह्मण वोट बैभी है क्योंकि जब यूपी में मायावती की सरकार आई उसमें ब्राह्मणों नें अहम भूमिका निभाई थी | हालांकि प्रदेश में इस समाज के लोगों की आबादी मात्र 10% ही लेकिन इन वोटों नें मायावती के लिए किंग मेकर का काम किया है |
इसीलिए बसपा सुप्रीमो खुद गरीब ब्राह्मणों के लिए आरक्षण की माँग करती आई हैं यहाँ तक की चुनाव प्रचार में जाने से पहले ब्राह्मणों के आशीर्वाद लेने जैसे आदेश खुद उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया था |
हालांकि इन गणितों की सीधी लड़ाई मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा और NDA से है तो समय का इंतजार रहेगा कौन किस चुनाव चिन्ह पर अपना वोट देगा |
BSP LOK SABHA CANDIDATE LIST pic.twitter.com/RJDejkYGf6
— Mayawati (@Mayawati) April 14, 2019