मध्य प्रदेश(भोपाल) : मध्य प्रदेश में गरमाये सवर्णो के मुद्दों ने बसपा जैसी तथा कथित पिछडो की पार्टी को भी टिकट देते समय सवर्णो को तरजीह देने के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने पहले ही साफ़ कर दिया था की पार्टी राज्य की सभी 230 सीटों पर लड़ने का मन बना चुकी है जिसके बाद से टिकट काटने छाटने की लड़ाई शुरू हो गई है।
भाजपा से रूठे सवर्णो के वोट बैंक पर मायावती पहले ही आँख गड़ा कर बैठी हुई है, हाल ही में पार्टी सुप्रीमो ने गरीब सवर्णो के आरक्षण का मुद्दा उठाया था।
दरअसल मायावती लगातार ऐसे ब्यान दे रही है जिससे वो सवर्णो की शुभचिंतक होने का सन्देश समाज में देना चाहती है इससे पहले उन्होंने यह कहते हुए खूब सुर्खिया बटोरी थी की योगी सरकार में ब्राह्मणो का शोषण हो रहा है ।
एमपी चुनाव में बसपा के राज्य प्रमुख प्रदीप अहिरवार ने 29 प्रत्यासियों की दूसरी सूचित जारी करी जिसमे पचास प्रतिशत से अधिक उच्च जाति के उम्मीदवारो को टिकट दी गयी है।
अभी तक कुल 51 उम्मदवारो की लिस्ट जारी हो चुकी है जिसमे से 26 उम्मीदवार उच्च वर्ग से व 10 अनुसूचित जाति से आने वाले प्रत्यासियों को दी गयी है ।
राज्य में चुनाव आगामी 28 नवंबर को है व नतीजे 13 दिसंबर को आएंगे जिसमे मुख्यतः मुकाबला तीन पार्टियों में है : भाजपा, कांग्रेस और सपाक्स के बीच है ।