नईदिल्ली : बजट में निज़ी क्षेत्रों में बढ़ावा देने से मायावती नें आरक्षण की समस्या ढूढ़ डाली और कहा ये कमजोर होगा |
केंद्र में दोबारा मोदी सरकार आने के बाद आज पहला बजट पेश किया गया | बजट में सबसे पहले ही आकर्षण का केंद्र बना अंग्रेजों के जमाने का ब्रीफकेस की जगह बहीखाता का होना जिसमें लाल कपड़े में लिपटा कलेवा और सत्यमेव जयते का अंकित चिन्ह | इसके अलावा बजट के बीच में ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण नें संस्कृत में चाणक्य के नीतिशास्त्र का श्लोक भी पढ़ा और एक उर्दू में एक शेर भी कहा |
उधर पहली बार किसी फुल टाइम महिला वित्तमंत्री नें देश का बजट पेश किया जिसे सरकार के मुताबिक गाँव का बजट कहा जा रहा है |
सरकार नें इस बजट में 2 रुपए प्रति लीटर डीजल पेट्रोल के दाम भी बढ़ाए हैं जिसका आम आदमी की जेबों में सीधा असर पड़ेगा हालाँकि निर्मला सीतारमण नें इसका बचाव करते हुए कहा कि ये अंतर्राष्ट्रीय बजारों पर निर्भर करता है और दूसरा उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, बायो ईधन को अधिक से अधिक उपयोग में लाना |
फिर बात करते हैं बजट में किसके लिए क्या है तो साल में 1 करोड़ से अधिक धन निकासी में अतिरिक्त टैक्स लगाने की बात कही गई है | सरकार का दावा है कि युवाओं के लिए स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया में अधिक से अधिक रोजगार देने के लिए बजट में बढ़ोतरी की गई है |
महिलाओं, किसान दलित पिछड़ा के लिए बजट में कई गुना बढ़ोतरी की गई है |
उधर कांग्रेस नें बजट को आशा के विपरीत बताया जबकि बसपा प्रमुख नें सरकार पर आरोप लगाया कि इसमें दलित पिछड़ा के लिए कुछ नहीं है | इसके अलावा उन्होंने निजीकरण का विरोध करते हुए आरक्षण का सुर भी छेड़ डाला | आज उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “बीजेपी की केन्द्र सरकार द्वारा बजट को हर मामले में व हर स्तर पर लुभावना बनाने की पूरी कोशिश की गई है लेकिन देखना है कि इनका यह बजट जमीनी हकीकत में देश की आमजनता के लिए कितना लाभदायक सिद्ध होता है जबकि पूरा देश गरीबी, बेरोजगारी, बदतर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा से पीड़ित व परेशान है।”
इसके आगे उन्होंने कहा “यह बजट प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देकर कुछ बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की ही हर प्रकार से मदद करने वाला है, जिससे दलितों व पिछड़ों के आरक्षण की ही नहीं बल्कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, किसान व ग्रामीण समस्या और भी जटिल होगी। देश में पूंजी का विकास भी इससे संभव नहीं है।
यह बजट प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देकर कुछ बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों की ही हर प्रकार से मदद करने वाला है, जिससे दलितों व पिछड़ों के आरक्षण की ही नहीं बल्कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, किसान व ग्रामीण समस्या और भी जटिल होगी। देश में पूंजी का विकास भी इससे संभव नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) July 5, 2019