नईदिल्ली : बसपा एक समय ‘‘चढ़ गुंडन की छाती पर, मुहर लगेगी हाथी पर’’ का नारा दी थी अब सपा के साथ है और 2019 का चुनाव मिल कर लड़ रही है |
वहीं ‘‘उत्तर प्रदेश को ये साथ पसंद है’’ का नारा देने वाली सपा को अब कांग्रेस ‘‘नापसंद’’ है ।
मिले मुलायम काशीराम, हवा हो गए जयश्रीराम’’ … 1993 में जब यूपी में सपा और बसपा ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था तो भाजपा को निशाने पर थी |
2007 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा का नारा ‘‘हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा-विष्णु महेश है’’ खासा चला । 2014 में भाजपा ने नारा दिया, ‘‘अबकी बार मोदी सरकार’’ जो पार्टी की विजय का कारक बना । ‘‘जात पर न पात पर, मुहर लगेगी हाथ पर’’, 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा दिया गया |
“इस दीपक में तेल नहीं, सरकार बनाना खेल नहीं” … यह नारा एक समय जनसंघ के नारे ‘‘जली झोपड़ी भागे बैल, यह देखो दीपक का खेल’’ के जवाब में कांग्रेस का पलटवार था |
भाजपा ने शुरूआती दिनों में जोरदार नारा दिया था, ‘‘अटल, आडवाणी, कमल निशान, मांग रहा है हिंदुस्तान’’ । सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए भाजपा ने 1999 में नारा दिया, ‘‘राम और रोम की लडाई’’
राम मंदिर आंदोलन के समय भाजपा और आरएसएस के नारे ‘‘सौगंध राम की खाते हैं, हम मंदिर वहीं बनाएंगे’’ |
पहली झांकी है, काशी मथुरा बाकी है’’ , ‘‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’’ जनभावनाओं के प्रचंड प्रेरक बने । इस नारे के जवाब में आज तक यह कहकर तंज किया जाता है … ‘‘पर तारीख नहीं बताएंगे ।’’
भाजपा ने 1996 में नारा दिया था, ‘‘सबको देखा बारी बारी, अबकी बारी अटल बिहारी’’ खूब चला ।
1989 के चुनाव में वी पी सिंह को लेकर ‘‘राजा नहीं फकीर है, देश की तकदीर है’’, दिया गया नारा उन्हें सत्ता की सीढियां चढ़ा ले गया ।
इंदिरा गांधी नें कहा, ”गरीबी हटाओ’’ … 1971 में इंदिरा गांधी ने यह नारा दिया और वो षण के अंत में एक ही वाक्य बोलती थीं- ‘‘वे कहते हैं, इंदिरा हटाओ, मैं कहती हूं गरीबी हटाओ, फैसला आपको करना है ।’’
बसपा ने कांग्रेस और भाजपा की काट के लिए दिलचस्प नारा दिया था, ‘‘चलेगा हाथी उड़ेगी धूल, ना रहेगा हाथ, ना रहेगा फूल’’
प्रियंका गांधी जब पहली बार चुनाव प्रचार करने अमेठी गयीं तो कांग्रेसियों का यह नारा हिट रहा था, ‘‘अमेठी का डंका, बेटी प्रियंका’’ ।
{source: pti bhasha}