नईदिल्ली : भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी नें JNU को 2 साल के लिए बंद करने के लिए सरकार से सिफ़ारिश की है जिसके बाद सोशल मीडिया पर तूफ़ान मच गया है।
10 दिनों से भी अधिक JNU में छात्रों और प्रशासन के बीच तनातनी जारी है मामला बढ़ी हुई फीस की बढ़ोतरी को लेकर है जिसके खिलाफ़ छात्र संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं |
इसी बीच सोशल मीडिया के लोग भी JNU विवाद में कूद पड़े हैं, आज सुबह से ट्विटर पर #ShutDownJNU ट्रेंड कर रहा है | इसके पीछे का बड़ा कारण एक भाजपा सांसद का बयान है |
जी हाँ भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमणियम स्वामी नें JNU को लेकर बड़ा बयान दिया है उन्होंने JNU को बंद करने की वकालत की है |
स्वामी नें एक वीडियो बयान में कहा कि “इस समय पर आपको कुछ कठोर मजबूत कदम लेने चाहिए, मैं सरकार गुजारिश करना चाहूँगा कि वो JNU को 2 सालों के लिए बंद कर दे |
#JNU Should Be Shut Down for Two Years says Dr @Swamy39 ??#JNUWallOfShame#JNUShamed pic.twitter.com/74VHS14Exz
— Mahesh Joshi (@MaheshJoshi_MJ) November 14, 2019
और इसके बाद हास्टल को खाली करवाए क्योंकि वो हास्टल हास्टल नहीं बल्कि धर्मशाला की तरह हैं |”
“JNU gets more funds than any other universities in India and yet it produces disloyal students”
JNU hostels almost like a ‘Dharamshala’, why the taxpayers should to be wasted on this anarchist hub JNU @Swamy39 #JNUFreebies #jnuprotest #JNUFeeHike pic.twitter.com/RXDlWuAfDA
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) November 12, 2019
इस बयान के पीछे स्वामी नें तर्क दिया कि “35 साल वाले भी अभी तक बैचलर की डिग्री ले रहे हैं, JNU के हास्टल सरकार द्वारा बहुत ज्यादा रियायती होते हैं | इसके अलावा JNU को वित्त मिलता है वो देश की अन्य किसी युनिवर्सिटी से अधिक होता है इसके बावजूद सबसे ज्यादा राजद्रोही तैयार करता है | हमें हरेक छात्र का बायोडाटा निकालकर JNU को बंद करना चाहिए और सभी की जानकरी जुटाना चाहिए कि कौन यहाँ शोध या पढ़ाई कर रहा है|”
हालाँकि स्वामी के इन बयानों का उन्ही विचारधारा से मेल खाने वाली ABVP की जनरल सेक्रेटरी व JNU छात्रा निधि त्रिपाठी नें इस तरह के किसी भी कदम का विरोध किया है।
निधि नें कहा कि “आज जो लोग JNU बंद करने के लिए कह रहे हैं उन्हें ये पता होना चाहिए की JNU में मेरे जैसे हजारो छात्र रहते हैं जो शिक्षा के द्वारा राष्ट्र की सेवा करने का विचार रखते हैं।JNU उच्चशिक्षा में भारत में अव्वल संस्थान हैं।JNU का आम छात्र हिंसा का समर्थन नहीं करता है और अपनी मांगों को लेकर मुखर है।”
आज जो लोग #shutdownjnu कह रहे हैं उन्हें ये पता होना चाहिए कीJNUमें मेरे जैसे हजारो छात्र रहते हैं जो शिक्षा के द्वारा राष्ट्र की सेवा करने का विचार रखते हैं।JNUउच्चशिक्षा में भारत में अव्वल संस्थान हैं।JNUका आम छात्र हिंसा का समर्थन नहीं करता है और अपनी मांगों को लेकर मुखर है।
— Nidhi Tripathi JNU (@nidhitripathi92) November 12, 2019
इसके अलावा भी कई लोगों नें ऐसे किसी बयान पर साफ़ असहमति जताई। केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक नें कहा कि “जेएनयू भारत का अग्रणी विश्वविद्यालय है तथा शिक्षण और शोध के लिए एक विश्व- प्रसिद्ध केंद्र है। जेएनयू तो स्वयं में ही समाज की स्थापना और बौद्धिक गुणवत्ता को सुदृढ़ करने में अग्रणी रहा है।”
जेएनयू भारत का अग्रणी विश्वविद्यालय है तथा शिक्षण और शोध के लिए एक विश्व- प्रसिद्ध केंद्र है। जेएनयू तो स्वयं में ही समाज की स्थापना और बौद्धिक गुणवत्ता को सुदृढ़ करने में अग्रणी रहा है। pic.twitter.com/IEN26bXWik
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) November 11, 2019
भले ही सोशल मीडिया में इसका लोग भरपूर समर्थन कर रहे हों या ट्रेंड करा रहे हों लेकिन बड़े नेताओं नें इसपर ना किया है।