नई दिल्ली :- इस साल के लोकसभा चुनावों में इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था कि बीजेपी अपनी हिंदूवादी छवि ज्यादा आगे नहीं करेगी और इस बात का प्रमाण तब और अधिक हो गया जब बीजेपी के बड़े-बड़े नेता जिनकी छवि हिंदूवादी थी उन्हें इस साल चुनावो में नहीं उतरा गया। बीजेपी के लाल कृष्णा आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार जैसे नेता इस साल चुनाव में नहीं उतरे गए हैं।
लेकिन दूसरी तरफ हैरान कर देने वाली बात यह है कि बीजेपी ने हिंदुत्व विचारधारा कि कट्टर नेता साध्वी प्रज्ञा को मध्य प्रदेश की भोपाल सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। साध्वी प्रज्ञा को 2008 में मालेगांव बम धमाके की आरोपी बनाया गया था, हालाँकि बाद में एनआईए ने सबूतों के आभाव में क्लीन चीट ने दी थी।
अब शायद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि बीजेपी नये हिंदुत्व की विचारधारा को आगे ला रही है। साध्वी प्रज्ञा के जरिये बीजेपी यह दिखाना चाहेगी कि किस प्रकार से कांग्रेस ने “भगवा आतंकवाद” शब्द गदा था और किस प्रकार से उन्होंने हिन्दुओं की भावनाओं को ठेश पहुंचाई थी। अब क्या कांग्रेस अपने बयान पर माफ़ी मांगेगी जो उसने हिन्दुओं को लेकर दिया था।