वाशिंगटन(अमेरिका):- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ 30 दशक पहले हुई आईएनएफ संधि से अमेरिका के बाहर होने की घोषणा की है। अमेरिका ने यह संधि रूस के साथ शीत युद्ध के दौरान की थी, जिसके अंतर्गत अमेरिका और रूस ने मध्यम व कम दूरी की मिसाइलों का निर्माण न करने पर सहमति बनाई थी।
दोनों देशों के बीच 1987 में हुआ यह समझौता अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इस पर अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और उनके रूसी समकक्ष मिखाइल गोर्बाच्योव ने दस्तखत किए थे।
ट्रंप ने नेवादा में पत्रकारों से कहा कि “इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज समझौते का रूस लगातार उल्लंघन कर रहा है”। ऐसे में अमेरिका अकेले इसका भार नहीं ढो सकता और वह इस समझौते से अलग होने जा रहा है। ट्रंप ने कहा कि जब तक दूसरे देश इस संधि का उल्लंघन करते रहेंगे अमेरिका भी इस संधि का पालन नहीं करेगा।
ट्रंप ने इस मुद्दे पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर भी निशाना साधा है। ट्रंप ने ओबामा पर आरोप लगाया है कि ओबामा ने कभी भी न तो इस संधि पर बात की और न ही कभी इससे निकलने की कोशिश की।
वहीँ ट्रंप के बयान का जवाब देते हुए रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस के साथ इस संधि को तोड़कर अमेरिका अकेले वैश्विक महाशक्ति बनना चाहता है।
आपको बता दे कि रूसी राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा है कि यदि रूस पर कोई परमाणु हथियार से हमला करता है, तो रूसी सैनिक तो स्वर्ग जायेंगे लेकिन दुश्मन बहुत पछतायेगा और दुनिया तबाह हो जाएगी।