बलूचिस्तान : हाल ही में हुए पाकिस्तान के कराची शहर में स्थित चीनी कौंसलैट पर हुए हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी(BLA) द्वारा ली गई है। BLA के कमांडर असलम बलोच ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा की उनकी लड़ाई पाकिस्तान और चीन के खिलाफ बलूचिस्तान में चलती रहेगी।
असलम बलोच ने दोहराया की बलूचिस्तान में चीन की मौजूदगी उनकी अखंडता के खिलाफ है और बलूच लोग इसे कभी बर्दास्त नहीं करेंगे।
चीन को आड़े हाथो लेते हुए बलूच ने कहा की “पिछले 10 से 15 सालो में पाकिस्तान ने बहुत तेजी से बलूचिस्तान में परिवर्तन किये है, अब चीन उनके जुल्म का भागीदार बन गया है । चीन हमेशा से पाकिस्तान को पीछे से मदद करते आया है परन्तु पिछले 2 दशकों से चीन सामने से आगे हम पर जुल्म ढा रहा है। वह बलूच लोगो को मारने व उनके गाँव उजाड़ने के लिए पंजाबियो को कमीशन देता आया है”।
अपने गुस्से का इजहार करते हुए असलम बलोच ने आगे कहा की “चीन और पाकिस्तान CPEC के नाम पर आपस में मिलकर बलूचिस्तान के प्राकृत संसाधनों को धड़ल्ले से लूट रहे है ।साथ ही इस मेगा प्रोजेक्ट के नाम पर दोनों देश सिंध व बलूचिस्तान में अपनी सेनाओ को मजबूत भी करने पर जोर दे रहे है, दोनों देश अंतरराष्ट्रीय संस्थाओ को CPEC के नाम पर बेवकूफ बना रही है”।
आपको हम बताते चले की बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने चीन के कई कर्मचारियों पर दर्जनों हमले किये है। अभी हाल ही में 10 अगस्त को BLA ने सैन्डक कॉपर-गोल्ड प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे चीन के तीन इंजीनियरो की बस को बम से उड़ा दिया था ।
सिंध और बलूचिस्तान में पाकिस्तान चीन की मदद से 100 से अधिक परियोजनाओं पर काम कर रहा लगातार हो रहे हमलो से घबराकर चीन ने खुद अपनी सेना को सुरक्षा के लिए उतारा है।
असलम बलोच ने पाकिस्तान और चीन के शोषण की तुरपाई को खोलते हुए बताया की “दोनों देश मिलकर बलूच लोगो का नरसंहार कर रहे है, पाकिस्तान और चीन दोनों ही ताक़तवर मुल्क है परन्तु हम दुनिया को बताना चाहते है की कैसे पाकिस्तान हमारे अधिकारों का हनन कर रहा है”।
बलूचिस्तानी नेताओ ने कई बार भारत से मदद की गुहार लगाई है, अभी हाल ही में बनारस में हुए सम्मलेन में बलूच नेता नायला कादरी ने कहा था की अगर बलूचिस्तान आजाद होता है तो सबसे पहले वहाँ मूर्ति नरेंद्र मोदी की लगाई जाएगी ।