अतुल कुशवाहा वो उद्यमी जिसने पापा के ₹1000 से सॉफ्टवेयर बनाया, बाद में टॉप 20 CEO बनें !

कानपुर (UP) : अतुल कुशवाहा ऐसे उद्यमी जिसने पिता जी से पैसे मांगे बाद में कच्ची उम्र में वेबसाइट व सॉफ्टवेयर बनाने लगे फिर दुनिया के 20 TOP CEOभी बने।
 
शेर अक्सर कहा जाता है, “बचपन खेल में गुजरा जबानी नींद भर सोया, बुढ़ापा देखकर रोया”, लेकिन यदि इसकी चंद पंक्तियों को ध्यान दे बचपन खेल में गुजरा & जबानी नींद भर सोया | आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका न तो बचपन खेल भर में गुजरा न तो जबानी वो सिर्फ सोकर बिता रहे हैं | जी हाँ, ये शख्स हैं अतुल कुशवाहा जो बचपन से ही देश और समाज के लिए कुछ बड़ा करने की सोच रखते थे |  
 
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश के रहने वाले अतुल कुशवाहा का बचपन बड़ा ही दिलचस्प रहा है। बचपन से तकनीकी, विज्ञान, कानून और समाज में रूचि रखने वाले अतुल कुशवाहा नें अपनी ग्रेजुएशन की शिक्षा तकनीकी शिक्षा यानी (CSE- B.tech) में की | इसके बाद उन्होंने उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई यानी LLB उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में पूरी की |

समाज और देश राजनीति के क्षेत्र में कुछ करने की ललक में तब और तेजी आ गई जब वो स्कूल के दिनों में ही थे | धीरे धीरे अतुल कुशवाहा भारत में एक प्रतिभाशाली आईटी और सोशल मीडिया मैनेजर के रूप में लोकप्रिय होने लगे उनकी प्रतिभा को देखते सरकार के कई विभागों, कई लोकप्रिय हस्तियों और राजनेताओं के डिजिटल मीडिया का प्रबंधन करने का जिम्मा थमाया गया। राजनीति से जुड़ाव रखने के कारण धीरे-धीरे अतुल अपनी रचनात्मकता और विचारों के लिए लोकप्रिय हुए।
कुछ यूं कहें कि जब उनकी उम्र के बच्चे वेबसाइट के सॉफ्टवेयर गेमों में व्यस्त थे, तो उन्होंने वेबसाइट और सॉफ्टवेयर की बेचना शुरू कर दिया था | और उसी कच्ची उम्र में ही उन्होंने अपनी पहली कमाई हासिल की, जो अपने आप में जीवन के प्रति उनके नजरिए के बारे में बहुत कुछ बयाँ करती है।
 
समाज में हर तरह का माहौल होता है हर तरह के बच्चों को अलग-अलग चीजों को कर गुजरने का जुनून होता है, जब दूसरे बच्चे अपने करियर बनाने के दिनों में अपने बड़ों की बात सुनते हैं तो कुछ सामान्य से परे सोचने की हिम्मत रखते हैं और इसमें कुछ ऐसे निकलते हैं जो दुनिया को अपनी प्रगति और कार्य क्षमता दिखाते हैं।

अतुल कुशवाहा ने 19 वर्ष की कच्ची उम्र में ही अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू की। जब वह कॉलेज में थे और उन्होंने अपना पहला स्टार्टअप “We Support” (तकनीकी सहायता) लॉन्च किया था। तकनीकी क्षेत्र में काम करने का जूनून तब अतुल में परवान चढ़ रहा था जब साल 2013 में उन्होंने लगभग 1000 रु अपने पिता जी से मांगकर एक ऑनलाइन कम्युनिटी की शुरुआत की थी | 
 
एक बच्चे के लिए एक अविश्वसनीय उपलब्धि जो संस्कारों से प्यार करता हो, लेकिन काफी हद तक खुद के कामों से ही स्व-शिक्षित हुआ । दुनिया में ऐसे कई उदाहरण भी मिल जाते हैं आपको बताएं एडवेट नामक एक प्रोग्रामर जब वह ग्यारह साल के थे, जोकि इस दुनिया के सबसे कम उम्र के उद्यमियों और वेब डेवलपर्स में से एक बनें ।

बचपन से समाज में रहने, उसके लिए कुछ करने का जूनून अतुल कुशवाहा में था ही उन्होंने समाज को एक नहीं बल्कि एक से अधिक तरीकों से लाभान्वित किया है।
 
उन्होंने यह भी हासिल करने में कामयाबी हासिल की है जो ज्यादातर लोग केवल सोचते ही हैं। 
 
अतुल की ये उपलब्धियां नीचे सूचीबद्ध की गई हैं जो उन्होंने कुछ ही उम्र में ही पा लिया है :

★ अतुल कुशवाहा भारत सरकार में दूरसंचार मंत्रालय के सबसे कम उम्र के राजनीतिज्ञ और पहले सबसे युवा माननीय TAC सदस्य हैं।

★ वह उत्तर प्रदेश सरकार में कई कैबिनेट मंत्रियों के पहले सबसे युवा जनसंपर्क अधिकारी और सोशल मीडिया प्रमुख भी हैं।

★ अतुल कुशवाहा भैरव सेवा संस्थान के संस्थापक ट्रस्टी और राष्ट्रीय महाप्रबंधक भी हैं।

★ 2013 में, सिर्फ 22 साल की उम्र में, उन्हें भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी टीम में शामिल किया गया था।

★ अतुल कुशवाहा को सिर्फ 23 साल की उम्र में 2014 में अखिल भारतीय मौर्य महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था।
 
★ कलर टीवी शो, बिगबॉस-13 को बंद करने के लिए एक बड़ा सामाजिक अभियान भी चलाया था ।
 

सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्रों के अलावा उद्यमिता के क्ष्रेत्र में भी उन्होंने नाम कमाए हैं :

1. उन्हें शीर्ष 35 उद्यमियों की सूची में नामित किया गया है ।

2. वे 20 साल में दुनिया के सबसे कम उम्र के CEO बने हैं ।