“अयोध्या के बाद अब काशी और मथुरा को मुक्त कराने का समय नजदीक आ गया है”- सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता

नईदिल्ली : अयोध्या के राम मंदिर मुद्दे सुलझने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर चर्चा तेज हो चुकी है।

साल 2019 के अंत में देश के सबसे पुराने व जटिल मुद्दे राम जन्मभूमि को सुलझाया था। अब अयोध्या के बाद काशी व मथुरा में भी ऐसे विवादों को लेकर अदालती चर्चाएं तेज हुई हैं।

काशी व मथुरा को लेकर राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं वो मीडिया चर्चाओं में अक्सर इन मुद्दों को उठाते रहे हैं। उन्होंने एक बयान में कहा था कि इन जगहों को केंद्र सरकार को राष्ट्रीयकरण करके अपने कब्जे में ले लेना चाहिए। जिससे मुद्दा सुलझना आसान हो जाएगा।

अब सुप्रीम कोर्ट के ही जाने माने अधिवक्ता प्रशांत पटेल उमराव नें काशी व मथुरा मुद्दों को लेकर बड़ी बात कही है।

अधिवक्ता प्रशान्त नें बताया कि “काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की याचिका के बाद कोर्ट से जारी नोटिस पर एक पक्ष अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से आपत्ति दाखिल कर दी गई है।”

आगे उन्होंने केस के बारे में उम्मीद जताई है कि ये दोनों मुद्दे जल्द सुलझेंगे। प्रशांत नें बताया कि “केस की अगली सुनवाई तीन फरवरी को होगी। अयोध्या के बाद अब काशी और मथुरा को मुक्त कराने का समय समीप आ रहा है।”