ट्विटर में आरक्षण की उठी माँग, बोले आज़तक एंकर रोहित सरदाना- अब यही देखना बाकी था !

नईदिल्ली : एंकर रोहित सरदाना नें भारत में ट्विटर में आरक्षण वाले सवाल पर तंज कसते हुए इशारों इशारों में गलत बता दिया।
ट्विटर पर पिछले दो-तीन दिनों से जातिवाद को लेकर घमासान मचा हुआ है। दो दिनों से ट्विटर पर बहुजन, दलित, चिंतकों, अम्बेडकरवादियों द्वारा ट्विटर इंडिया पर आरोप मढ़ा गया कि ट्विटर जातिवादी है।

इस तरह के कई लगातार ट्रेंड्स चलाए गए जिसका नेतृत्व बहुजन चिंतक, प्रोफेसर दिलीप मंडल, लेखक हंसराज मीणा जैसे लोगों द्वारा किया गया।

पिछले दिनों “ब्राह्मणवादी ट्विटर” नामक ट्रेंड कराया गया। कहा गया कि ट्विटर पर गैर ब्राह्मणों का ज्यादा प्रभुत्व है इसमें भी बहुजनों के लिए बराबर हिस्सेदारी मिले। कुछ नें इसमें कोटा तय करने की बात कही, दिलीप मंडल बोले 500 गैर राजनीतिक बहुजनों के ट्विटर को वेरिफाई किया जाए।

जिसमें एक ख़ास वर्ग के लिए उसके पवित्र संस्कार यानी जनेऊ को सुअर के साथ तुलना, भद्दी भद्दी टिप्पणी आदि किए गए।

इसके अलावा #TwitterHatesSCSTOBCMuslims यानी ट्विटर दलित पिछड़ों व मुस्लिमों से नफ़रत करता है।

#CastiestTwitter यानी जातिवादी ट्विटर, #JaiBhimTwitter जिसमें ख़ुद कांग्रेस नें ट्विटर को जातिवादी होने का आरोप लगाया।

दलित कांग्रेस नाम से एक जयभीम ट्विटर ट्रेंड के समर्थन में कहा कि “ट्विटर को भेदभावपूर्ण व्यवहार से दूरी बनाकर रखनी चाहिए JaiBhimTwitter ।

बात आगे बढ़ी ट्विटर के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी को निशाना बनाया गया उन्हें भी जातिवादी करार किया गया।

अब असल में मुद्दा ये था कि लेखक हंसराज मीणा का ट्विटर नें अकाउंट उसकी नीतियों के उल्लंघन के कारण सस्पेंड कर दिया था। लोगों नें इसका विरोध किया, मीणा का अकाउंट फ़िर से वापस सक्रिय किया जाए इसके लिए कई पत्रकारों नें भी ट्विटर को जातिवादी बताकर ट्रेंड का समर्थन किया।

बाद में चन्द्रशेखर रावण की भीम आर्मी भी कूद गई, ट्विटर के हेड ऑफ़िस मुंबई में घेराव करने पहुंच गई, पुलिस नें मोर्चा संभाला और भीम आर्मी को बैरंग वापस भेज दिया।

कहानी आगे बढ़ती है प्रोफेसर दिलीप मंडल के ट्विटर अकाउंट को ट्विटर नें वेरिफाई कर दिया और उन्हें ब्लू टिक मिल गया।

अब दूसरे तबके के समर्थन में भी लोगों नें ट्विटर ट्रेंड चलाया #JaiBhimJaiGobar जिसपर उन कमेंट्स व ट्रेंड का जवाब दिया गया जिसमें एक वर्ग को निशाना बनाया गया था जनेऊ को जानवरों को पहनाया गया।
Twitter Trend
ट्रेंड जो भी किए गए उनमें दोनों तरफ़ से गलत टिप्पणी की गई इसे किसी भी रूप में सही नहीं ठहराया जा सकता है।

अब जो बात की गई ट्विटर के जातिवादी होने की तो यदि ट्विटर अकाउंट सस्पेंड करता है या ब्लू टिक नही देता वो उसकी नीति है और ये सभी के साथ होता है न कि पिछड़े दलितों के लिए किया गया जैसा दिलीप मंडल नें आरोप लगाए।

अब आते हैं इसके जवाब में तो आज़तक के पत्रकार RC राहुल जोकि आज़तक के आउटपुट एडिटर हैं उन्होंने दिलीप मंडल के नेतृत्व में चलाए गए ट्विटर ट्रेंड्स के बारे में पूछा कि “ट्विटर इंडिया भेदभाव करता है ? जाति विशेष के लोगों को ब्लूटिक नहीं देता ?”

राहुल नें ख़ुद के उदाहरण से बताया कि वो ब्राह्मण है उन्होंने नें भी वेरिफिकेशन के लिए अप्लाई किया था लेकिन अभी तक नही किया गया। तो भी ट्विटर जातिवाद करता है ? उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि “अब ट्विटर वेरिफिकेशन में आरक्षण चाहिए क्या ?”

राहुल कहते हैं “वैसे मैं तो ब्राह्मण हूँ मैंने भी महीनों से आवेदन दे रखा है मुझे भी ब्लू टिक नहीं मिला।”

दरअसल कुछ लोगों को पीड़ित दिखने की बीमारी है, हर बात पर जाति का रोना, वेरिफ़िकेशन में भी आरक्षण करा दिया जाए ?”

इसपर आज़तक एंकर TV पत्रकार रोहित सरदाना नें तंज कसते हुए कहा कि “अब यही देखना बाकी रह गया था ?”