राजस्थान : बहन की विदाई का समय किसी भी भाई खातिर बहुत भावुक कर देने वाला समय होता है, यह खून के रिश्तों के बिछुड़ने का ही दर्द होता है | ये भी बात सही है कि हर परिवार में बहन-भाई लड़ते झगड़ते हैं |
खैर वो बातें बहन की विदाई के समय भूल जाती हैं और उस वक्त शायद ही कोई भाई होगा जिसकी आंसू में आंसू न आएं | एक ऐसी खबर निकलकर आई है जिसमें बहन को विदाई करते समय ज़्यादा रोने से भाई की जान चला गई |
4 बहनों की विदाई हुई थी एक साथ, भाई था इकलौता :
खबर राजस्थान के पाली में एक डेडा नामक गाँव है जहां एक भाई अपनी बहनों की विदाई के वक्त इतना रोया कि उसकी मौत ही हो गई | बात है डेडा गांव के मोहनदास वैष्णव के परिवार में सामूहिक रूप से 4 बेटियों का व्याह था |
अपनी रीति-रस्में पूरी करने में व्यस्त थे इस दौरान बहनों की विदाई देखकर परिवार का इकलौता बेटा राजूदास गम में इतना रोया जिससे उसका स्वास्थ्य बड़ी बुरी तरह से खराब हुआ |
स्वास्थ्य बिगड़ने पर पहले तो परिजनों ने समझा कि ये रोने की वजह से ही ऐसा है लेकिन भाई राजूदास की तबीयत ज़्यादा बिगड़ने लगी तो परिजन उसे लेकर बांगड़ अस्पताल भागे | अस्पताल में 3 दिन तक एडमिट करने के बाद भी सुधार ना होते देख बांगड़ अस्पताल के डॉक्टर्स ने उसे जोधपुर रेफर कर दिया, जहां गुरुवार को मौत हो गई |
इधर ये भी पता चला कि राजूदास 5 बहनों में एक ही भाई था और इसके अलावा दिव्यांग भी था | मोहनदास की 4 पुत्रियों की 13 दिसंबर को शादी थी | विदाई के वक्त इकलौता दिव्यांग भाई राजूदास चारों बहनों के गले मिल रहा था. ज्यादा भावुक होने से उसकी तबीयत खराब हो गई थी |