कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को 18 वर्ष होने तक मासिक ₹1500 देगी बिहार सरकार
पटना: कोरोना महामारी में कई जिंदगियां तबाह हो गई हैं कुछ बच्चों का तो सर पर से माता पिता का साया भी उठ गया है। हालांकि बिहार सरकार ऐसे बच्चों को मदद करेगी।
आज एक घोषणा में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वैसे बच्चे – बच्चियों जिनके माता पिता दोनो की मृत्यु हो गई, जिनमें कम से कम एक की मृत्यु कोरोना से हुई हो, उनको ‘बाल सहायता योजना’ अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 18 वर्ष होने तक 1500 रूपये प्रतिमाह दिया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिन अनाथ बच्चे – बच्चियों के अभिभावक नहीं हैं, उनकी देखरेख बालगृह में की जाएगी। ऐसे अनाथ बच्चियों का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्राथमिकता पर नामांकण कराया जाएगा।
UP में ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू
गौरतलब है कि बिहार से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की देखभाल हेतु आज ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी। राज्य सरकार इन बच्चों को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ने में मदद करने के साथ ही इनकी सुरक्षा एवं इनके भविष्य के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।
असम में ‘मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना’ शुरू
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 7 साल पूरे होने की पूर्व संध्या पर, असम सरकार ने COVID19 के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की देखभाल के लिए ‘मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना’ शुरू की है।
अभिभावक / पालक के साथ बच्चों के लिए वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा में कहा कि असम सरकार प्रति बच्चा प्रति माह 3500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए असम सरकार को मौजूदा योजना के तहत प्रति बच्चा प्रति माह 2000 रुपये तक भारत सरकार का समर्थन मिलेगा।