संसद के बाद RJD नें झारखंड चुनावों में सवर्ण आरक्षण का किया विरोध !
पटना (बिहार) : 2019 चुनावों की तरह ही विधानसभा चुनावों से RJD सवर्ण आरक्षण के विरोध में उतर आई है।
हरियाणा व महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के सम्पन्न होने के बाद झारखंड में विधानसभा चुनावों की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा की जा चुकी है। 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा चुनाव 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच 5 चरणों में होंगे वोटों की गिनती 23 दिसंबर को होगी।
Schedule for General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019.
For more details, please visit: https://t.co/cZPciA02Bb#NoVoterToBeLeftBehind #ElectionCommisssionOfIndia #ECI pic.twitter.com/JC0lvRNUTM
— Election Commission of India #SVEEP (@ECISVEEP) November 4, 2019
मुख्य मुकाबला सत्ताधारी रघुवर दास वाली BJP का कांग्रेस व उसके घटक दलों RJD, JMM से होगा। हालांकि यहां मूलतः बिहार की पार्टी RJD व JDU का भी मुकाबला दिलचस्प होता है।
The JMM, the Congress, and the RJD had recently announced a pre-poll alliance in the state. As per the agreement the Congress will contest 31 seats, the JMM 43 and the RJD will put up candidates in seven constituencies. https://t.co/uqaYtGM6Nm
— News18 Politics (@News18Politics) November 11, 2019
कांग्रेस की सहयोगी RJD झारखंड में 7 सीटों पर लड़ रही है। जब राज्य में 15 दिन बाद विधानसभा चुनावों होने हैं, पार्टियां अपना प्रचार प्रसार कर रही हैं उसी समय RJD वंचित पिछड़ों के आरक्षण को तो बढ़ाने की वकालत की है पर लोकसभा चुनावों के पहले की तरह सवर्ण आरक्षण का विरोध कर रही है।
आरक्षण से छेड़छाड़ करने की खूब कोशिश हो रही है, कोई यह ना समझ ले कि बहुजनों को इसका आभास नहीं है!
जैसे जैसे बहुजन समाज शिक्षित होता जाएगा, अपने अधिकारों के प्रति उग्रता से सजग होता जाएगा!
आरक्षण मिटाने का जो भी स्वप्न देखेगा, वह खुद मिट जाएगा! #आरक्षण_बचाओ_संविधान_बचाओ
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 13, 2019
संसद में सवर्ण आरक्षण का मुखर विरोध अकेले RJD नें ही किया था जिसका खामियाजा उन्हें आमचुनावों में भुगतना पड़ा और पार्टी का खाता तक नहीं खुल पाया।
हालांकि बाद में राजद नेताओं नें सवर्ण आरक्षण पर पलटी मारने वाली बात कही और बताया कि उन्होंने ये बात ख़ुद अपने घोषणापत्र में रखी थी।वरिष्ठ RJD नेता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह नें बयान दिया था कि सवर्ण आरक्षण का विरोध पार्टी को ले डूबा।
लेकिन एक बार फ़िर RJD नें सवर्ण आरक्षण पर निशाना साधते हुए इसे गलत करार किया। RJD नें कहा “गरीबी का संबंध जातियों से है क्योंकि सदियों से जातियों के आधार पर काम सीमित थे। इसलिए भारत में जाति आधारित आरक्षण आवश्यक है !”
आगे कहा कि “10% EWS आरक्षण दोषपूर्ण है क्योंकि उच्च जातियों को कोई प्रतिबंध या भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा।
Poverty is related to castes because occupation were restricted based on castes for centuries!
That’s why caste based reservation is necessary in India!
10% EWS reservation is faulty because Upper castes faced no restrictions or discrimination!#आरक्षण_बचाओ_संविधान_बचाओ
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 13, 2019
हालांकि चुनावों में देखना होगा कि कौन सा मुद्दा जनता के हक में कौन सा विरोध में था परिणामस्वरूप किसको कुर्सी मिलेगी किसको आराम।