डीयू में हुए चुनाव, 8 में से 5 पदों पर जीती जातिगत आरक्षण विरोधी युथ फॉर इक्वलिटी

नई दिल्ली : देश के सर्वश्रेष्ठ विश्विद्यालयो में शामिल दिल्ली विश्विधालय के चुनाव अपने आप में काफी अहम माने जाते है। दिल्ली विश्विधालय के ही पत्रकारिता के कॉलेज दिल्ली स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म में हुए विभिन्न 8 पदों पर चुनावो में 5 पर युथ फॉर इक्वलिटी समर्थित छात्रों की जीत हुयी है। जीते हुए प्रत्याशियों में आशीष शुक्ल, रोहित बिश्नोई, दीपक मग्गू, आतिश अलोक व राजा बाबू शामिल है।पत्रकरिता का यह कॉलेज अपने शुरूआती दिनों से ही युथ फॉर इक्वलिटी का गढ़ माना जाता आया है।

वही पिछले वर्ष हुए चुनावो में भी स्टूडेंट रिप्रेजेन्टेटिव(प्रेजिडेंट) पर भी युथ फॉर इकॉलिटी का प्रत्याशी ही बाजी मारने में सफल हुआ था। पिछले साल भारी मतों से विजयी हुए शिवम् पाठक ने हमें फ़ोन वार्ता पर बताया की कैसे उन्होंने कॉलेज के छात्रों को जातिगत नीतियों के नुक्सान के बारे में समझाया और कैसे उनका साथ सभी छात्रों ने बखूबी दिया।

आपको बता दे की वर्ष 2007 में युथ फॉर इक्वलिटी जेनयू में छात्र संघ के चुनावो में मात्र 90 वोट से प्रेजिडेंट का चुनाव हार गयी थी जिसके बाद दिल्ली विश्विधालय में हुई जीत से उसने एक बार फिर वापसी की है। युथ फॉर इक्वलिटी ओबीसी आरक्षण के लागु होने के समय अस्तित्व में आयी थी तब से लेकर आज तक इस संगठन की वजह से कई आरक्षण लागू होने से रुके है।



महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण, हरियाणा में जाट तो राजस्थान में गुर्जर आरक्षण को चुनौती देने वाली YFE बीते दिनों एससी एसटी एक्ट को चुनौती देने के बाद चर्चा में आयी थी जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने पहले जांच फिर गिरफ्तारी का फरमान सुनाया था जिसको काफी हो हल्ले के बाद संसद ने पलट भी दिया था। इसके बाद 13 पॉइंट रोस्टर लागु करवाने में भी YFE का बड़ा हाथ था जिसकी वजह से निकली लगभग 150 प्रोफेसर की वैकेंसी में आरक्षण नहीं लग सका था।

इसके साथ ही दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही YFE के छात्र नेता भारत मीणा ने हमें बताया की उनका संगठन अब मिशन 2020 को लेकर कार्य कर रहा है जो की जातिविहीन समाज बनाने व जातिगत नीतियों को देश से मिटाने के लिए जोर शोर से जुटा है।

वही छात्र नेता भारत मीणा ने आगे हमें बताया की संगठन पुरे देश के सभी शहरो में एक साथ एक ही समय एक जैसा प्रदर्शन करने जा रही है।

पूरा देश एक साथ 14 अप्रैल को जातिगत नीतियों व जाति के खिलाफ कैंडल मार्च करेगा जोकि संगठन के महत्वकांशी योजना मिशन 2020 का हिस्सा है। मिशन 2020 के लिए YFE की ओर से एक वेबसाइट MISSION2020.in भी लांच की गयी है।

क्या है मिशन 2020 ?
युथ फॉर इक्वलिटी ने एक सपना सजोया है जाति विहीन समाज और जाति विहीन नीतियों का, उसी कड़ी को साकार करने के लिए मिशन 2020 को बनाया गया है। आपको हम बताते चले कि संसदीय आरक्षण को हर दस साल में बढ़ा दिया जाता है जिसका समय 25 जनवरी 2020 को एक बार फिर से ख़त्म हो रहा है। यह संस्था इसे किसी भी कीमत पर बढ़ने नहीं देना चाहती है जिस कारण से वह देश भर के युवाओ को जोड़ रही है। मिशन 2020 के बैनर तले ही सभी संगठनों को एक साथ लाया जायेगा जो इसके लिए कार्य करते आये है।

कैसे जुड़े युथ फॉर इक्वलिटी के इस जन आंदोलन से ?
इस जन आंदोलन से जुड़ने के लिए आपको एक फॉर्म को ऑनलाइन भरना होगा (फॉर्म पर जाने के लिए इस टेक्स्ट पर क्लिक करे) या फिर इस फ़ोन नंबर – 8800454121 या 9891149778 पर अपना सन्देश व्हाट्सप्प करना होगा। जिसके बाद 24 घंटे के अंदर आपको युथ फॉर इक्वलिटी के कार्यकर्ताओ द्वारा संपर्क किया जाएगा और आपको उपयुक्त जिम्मेदारी दी जाएगी।