रीवा (एमपी) : राज्य में एक्ट्रोसिटी एक्ट को लेकर फिर से आक्रोश बढ़ रहा है और यह सीधी जिले के चुरहट में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ डाक्टर शिवम मिश्रा की आत्महत्या के बाद हो रहा है।
शिवम सुसाइड केस में 4 सदस्यीय जाँच टीम गठित :
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट में पदस्थ डॉक्टर शिवम मिश्रा की आत्महत्या के मामले में जांच के लिए कलेक्टर ने चार सदस्यीय टीम का गठन किया है।
एसडीएमअर्पित वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम को सप्ताह भर में जांच पूरी कर प्रतिवेदन सौंपने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर की ओर से इस जांच समिति का गठन सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संगठन की ओर से सौंपे ज्ञापन को आधार बनाकर किया गया है।
सपाक्स सहित अधिवक्ता संघ नें की CBI जांच की मांग :
सपाक्स 1 फरवरी 2019 को प्रदेश के सभी जिलों में दिनांक 27 जनवरी 2019 को डाक्टर शिवम आत्महत्या केस में कैंडल मार्च करेगी | दरअसल तथाकथित रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट जिला सीधी में पदस्थ डॉ शिवम मिश्रा द्वारा एट्रोसिटी एक्ट 2018 के अन्तर्गत संभावित गिरफ्तारी से बचने हेतु आत्महत्या की गई थी |
उनकी आत्महत्या के विरोध में केंडल मार्च निकालकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेगी तथा इस अधिनियम के दुरुपयोग और मानवाधिकारों के हनन के विरोध में राष्ट्रपति, पीएम व सीएम के नाम ज्ञापन भी संबंधित जिला कलेक्टर के माध्यम से देगी |
तथा घटना की CBI जांच कर समस्त दोषियों को सख्त सजा दिए जाने की मांग करेगी।
अधिवक्ताओं ने डॉ शिवम मिश्रा आत्महत्या मामले कि जो शिकायत कलेक्टर से करके जांच कराने की मांग की गई है उसमें एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग करने को प्रमुखता से बताया गया है।
डाक्टर शिवम से आत्महत्या के पहले 2 घंटे पूंछताछ हुई थी :
सपाक्स संस्था एवं सपाक्स युवा इकाई तीनों ने मिलकर आयुक्त कार्यालय के सामने अपना विरोध प्रदर्शन किया है। सपाक्स के अध्यक्ष इंजीनियर देवेन्द्र सिंह ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक डॉ शिवम मिश्रा ने स्टॉफ नर्स को नोटिस भेजा था। इसके बाद नर्स से उनके विरुद्ध जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर मामला दर्ज कराया था।
घटना दिनांक के दिन पहले 25 जनवरी थाना प्रभारी ने बुलाकर 2 घंटे तक पूछताछ की थी। इसके बाद चिकित्सक ने आकर आत्महत्या कर ली। इसलिए थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित कर मामले की जांच कराई जाए।