सीरिया के हमले में तुर्की के 33 जवान मरे, कश्मीर को पाक में शामिल करने की कर चूका है वकालत

तुर्की की समाचार एजेंसी अनादोलू के मुताबिक तुर्की के उप राष्ट्रपति ने भी सीरिया को बुरा अंजाम भुगतने को लेकर चेताया है।

इदलिब(सीरिया): सीरिया के राज्य इदलिब में तुर्की व सीरिया के बीच हुई भीषण मुठबेड़ में तुर्की के 33 जवान मारे गए। दोनों देशो की सीमा पर बसे इस राज्य पर सीरिया की सेना द्वारा किये गए हवाई हमले में तुर्की को भारी नुकसान झेला पड़ा है जिसमे घायलों का आंकड़ा भी काफी अधिक बताया जा रहा है जिससे मरने वालो की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है।

वही हमले के तुरंत बाद तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है व डमैस्कस को भारी कीमत चुकाने को तैयार रहने को कहा है।

तुर्की की समाचार एजेंसी अनादोलू के मुताबिक तुर्की के उप राष्ट्रपति ने भी सीरिया को बुरा अंजाम भुगतने को लेकर चेताया है।

वही रूस की सेना ने तुर्की पर आरोप लगाते हुए कहा कि तुर्की की सेना ने सीरियन आर्मी की जगहों का पता लगा कर सीरिया के लड़ाकों पर भारी गोली बारी व ड्रोन हमले किये थे। हालांकि रूस ने किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई जानकारी नहीं दी।

आपको बता दे कि वर्ष 2011 से चल रहे सीरियन गृहयुद्ध में रूस की सेना सीरिया की सेना के साथ मिलकर विद्रोहियों से लड़ रही है।

9 अक्टूबर 2019 को तुर्की ने सीरिया पर किया था हमला
आज से कई महीनो पहले तुर्की की सेना ने सीरिया के उत्तरी क्षेत्र में बसे दो राज्य तेल अबयाद व रस अल-अयन में हवाई हमलो की झड़ी लगा दी थी। जिसके बाद तुर्की की सेना ने सीरिया के कई और इलाको Kobani, Suluk, Qamishli व Ayn Issa पर भी हमले शुरू कर दिए । तुर्की के मुताबिक वह सीरिया व अपने देश के बीच में एक सेफ जोन बनाना चाहता है।

दरअसल सीरिया के उत्तरी इलाको में कुर्दिश नेतृत्व की सीरियन डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) का दबदबा है जिसको अमेरिका की सेना का साथ भी हासिल था। वही सीरिया में ISIS को हराने में भी अहम भूमिका SDF की ही थी जिसने अपने प्रभुत्व वाले इलाको में 10 हज़ार से भी अधिक जेल व डिटेंशन सेंटर में ISIS के लड़ाकों को कैद में रखा है। परन्तु SDF के बढ़ते कद को तुर्की एक खतरे के रूप में देखता है ।

तुर्की के अनुसार सीरिया को छूने वाले इलाको में बरसो से तुर्की सेना से लड़ रहे संप्रदायवादी (Separatist Group) PKK को मदद क़ुर्दिश संगठन SDF से पहुँचती है जिससे PKK को तुर्की में ख़त्म करना लगभग असंभव हो गया है। वही SDF की ही तर्ज पर PKK भी तुर्की से आज़ादी की मांग कर रही है।

तुर्की SDF द्वारा PKK की मदद को रोकने के लिए दोनों देशो की सीमाओं पर एक सेफ जोन बनाना चाहता था। जिस कारण से तुर्की की सेना ने सीरिया के 10 किलोमीटर भीतर तक कूर्द लड़ाकों पीछे धकेल के सेफ जोन बनाना चाह रही है। सेफ जोन बनाने का एक कारण सीरिया से लगातार आ रहे शरणार्थियों को रोकना भी है।

तुर्की के इसी हमले से अब सीरिया व तुर्की की सेना आमने सामने आ खड़ी हुई है।