नई दिल्ली : देश में गरीब नागरिको को आवास देने में मोदी सरकार अव्वल रही है। राज्यों और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आपसी तालमेल से वर्ष 2014 से 1.37 करोड़ आवासों का निर्माण कार्य पूरा किया है।
भाजपा इसे सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर दिखा रही है जिसकी चमक मुख्य मीडिया दिखाने में विफल रही है। सरकार गरीबो को घर देने में कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2014 के मुकाबले वर्ष 2018 में पांच गुना अधिक आवासों का निर्माण किया गया था।
वर्ष | ग्रामीण आवास पूरे हुए
(आईएवाई + पीएमएवाई-जी) |
2014-15 | 11.91 |
2015-16 | 18.22 |
2016-17 | 32.23 |
2017-18 | 44.54 |
2018-19
(अब तक ) |
30.45
(मार्च 31, 2019 तक 65 लाख होने की संभावना ) |
पूरे होने वाले आवासों की कुल संख्या | 1.37 करोड़ |
(संख्या लाख में)
आपको बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने 20 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण कि शुरुआत कि थी, उस समय 2019 तक 1 करोड़ बनाने का लक्ष्य रखा गया था जो अब हासिल होता दिख सकता है।
किसको दिया जा रहा है इस योजना के तहत आवास
पीएमएवाई-जी योजना के अंतर्गत निर्धनतम लोगों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है जो अभी कच्चे घरों में रहते हैं। हालाँकि 4.75 लाख घरों के निर्माण की मंजूरी लंबित है क्योंकि राज्य सरकारों द्वारा भूमिहीनों को जमीन देने का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे मामले तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और बिहार से संबंधित है।
इसके अलावा इस योजना के तहत न सिर्फ गरीबो को आवास दिया जाता है बल्कि मनरेगा के तहत 90 – 95 दिन का रोजगार भी उपलब्ध कराया जाता है । साथ ही सौभाग्य योजना के तहत बिजली कि आपूर्ति भी सुनिचित कि जाती है व उज्ज्वला योजना से हर घर को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन भी दिया जाता है।
वही स्वच्छ भारत योजना का सपना लिए चल रही मोदी सरकार हर घर में शौचालय भी बनाकर दे रही है, अगर एक मुश्त में कहे तो यह सरकार कि सभी बड़ी योजनाओ को एक में समाहित करकर एक पैकेज के रूप में गरीबो को बाँटा जा रहा है जिससे अधिक लाभ सुनिश्चित हो सके।
कैसे किया जा रहा है गरीबो का चयन
पीएमएवाई-जी योजना के तहत निर्धनतम लोगों के चयन के लिए त्रिस्तरीय प्रक्रिया अपनाई जाती है –
- सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011
- ग्राम सभा
- ज्यो – टैगिंग